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मुजफ्फरपुर में लगेगी ब्रांडेड बैग की यूनिट, 10 लाख बैग के निर्यात का लक्ष्य, दो हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने मुजफ्फरपुर में 10 जगहों पर उद्योग विभाग की अलग-अलग पूर्ण हुई योजनाओं का उद्घाटन किया. इन प्लग एंड प्ले शेड में जल्द ही देश के एक प्रतिष्ठित टेक्सटाइल ब्रांड के उत्पाद बनना शुरू हो जायेगा.

मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में प्लग एंड प्ले योजना के तहत बने नये शेड में जल्द ही ब्रांडेड टेक्सटाइल व बैग तैयार होंगे. उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने गुरुवार को जिले में 10 जगहों पर उद्योग विभाग की अलग-अलग पूर्ण हुई योजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने सबसे पहले बेला इंडस्ट्रियल एरिया में नवनिर्मित प्लग एंड प्ले शेड बी-2 का उद्घाटन किया, जो 44 हजार वर्ग फुट में फैला है. बताया गया कि 15 करोड़ की लागत से बने इस प्लग एंड प्ले शेड में जल्द ही देश के एक प्रतिष्ठित टेक्सटाइल ब्रांड के उत्पाद बनना शुरू हो जायेगा.

43,560 वर्ग फुट में है प्लग एंड प्ले शेड फेज-5

उद्योग मंत्री ने इसके बाद बैग क्लस्टर में नवनिर्मित प्लग एंड प्ले शेड फेज-5 का उद्घाटन किया, जो 43,560 वर्ग फुट में है. दोनों ही शेड में पहले 500-500 लोग काम करेंगे. डिमांड के आधार पर कंपनी जब दो या तीन शिफ्ट में उत्पादन शुरू करेगी, तो दोनों ही शेड में करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.

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विदेशों में भी बैग का निर्यात किया जायेगा

जानकारी दी गयी कि जल्द ही एक ब्रांडेड कंपनी बैग के लिए नये शेड में यूनिट लगायेगी. यहां से देश के साथ विदेशों में भी बैग का निर्यात किया जायेगा. इसके अलावा मंत्री ने दो नये गैप फैशन के प्लग एंड प्ले शेड का भी उद्घाटन किया. इसमें टेक्सटाइल मशीनें काम करेंगी. एक शेड नुमाइश फैशन को आवंटित किया गया है. इसमें करीब 150 लोग काम करेंगे. इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र फेज-टू में दो सड़कों का उद्घाटन भी किया.

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प्रतिमाह छह लाख बैग हो रहा एक्सपोर्ट

बेला औद्योगिक क्षेत्र में पहले से चल रहा बैग क्लस्टर बेहतर ढंग से संचालित हो रहा है. उद्योग मंत्री ने बताया कि फिलहाल हर माह छह लाख बैग देश के दूसरे राज्यों में एक्सपोर्ट हो रहा है. जबकि, पहले इतना ही बैग दूसरे राज्यों से बिहार भेजा जाता था. आने वाले दिनों में 10 लाख बैग एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि सूबे के नौ जिलों में 25 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन पर प्लग एंड प्ले योजना के तहत शेड बनाये जा रहे हैं, जो नये उद्योगों को आवंटित किये जायेंगे. हाजीपुर में रेनकोट बनाने वाली कंपनी ने भी अपनी इकाई स्थापित कर ली है.

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मोहम्मदपुर गोकुल में अंडी बीजापूर्ति केंद्र का उद्घाटन

उद्योग मंत्री ने मोहम्मदपुर गोकुल में रेनोवेशन हुए अंडी बीजापूर्ति केंद्र का उद्घाटन किया. साथ ही मलबरी प्रसार सह प्रशिक्षण केंद्र, मुशहरी में प्रशासनिक भवन पहुंचे, जो पांच एकड़ क्षेत्र में फैला है. मलबरी प्रसार केंद्र पर उद्योग मंत्री ने शहतूत, अंडी व कसेरू का पौधा लगाया. वहीं मोतीपुर में आरसीसी ब्रिज व सड़क का उद्घाटन किया.

जलजमाव के समाधान के लिए एसटीपी से बियाडा को जोड़ने की तैयारी

बेला औद्योगिक क्षेत्र में ब्रांडेड कंपनियां अपनी यूनिट लगा रही हैं. उद्योग का विस्तार हो रहा है. लेकिन क्षेत्र में अभी भी जलजमाव बड़ी समस्या है. इस समस्या पर मंंत्री ने कहा कि बेला के पास ही बुडको की ओर से एसटीपी का निर्माण हो रहा है. वहीं औद्योगिक क्षेत्र की जलनिकासी व्यवस्था में सुधार के लिए 18 किलोमीटर नाला का निर्माण चल रहा है. इस नाले को एसटीपी से जोड़ने की पहल की जा रही है. इसके लिए पटना बुडको के पदाधिकारियों से बात की जायेगी.

मुजफ्फरपुर की पांच इकाइयों को मिला गोल्ड जेड सर्टिफिकेट

केंद्र सरकार के एमएसएमइ मंत्रालय की ओर से दिये जाने वाले जेड सर्टिफिकेशन के मामले में बिहार नंबर-1 बन गया है. आंकड़ों के अनुसार बिहार राज्य के 3,171 इकाइयों को जेड सर्टिफिकेट दिया जा चुका है. लेकिन इस उपलब्धि में मुजफ्फरपुर जिला का बहुत बड़ा योगदान है. जिला के 5 यूनिट को केंद्र सरकार के एमएसएमइ मंत्रालय की ओर से जेड का गोल्ड सर्टिफिकेट मिला है. जो देश स्तर पर बिहार को नंबर-1 बनाने में मददगार साबित हुआ है. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्याेग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने इस बारे में जानकारी दी.

मुजफ्फरपुर जिला को 200 ब्राउंज सर्टिफिकेट भी मिला

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरपुर जिला को 200 ब्राउंज सर्टिफिकेट भी मिला है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार दूसरे स्थान पर तमिलनाडू को 3,119 सर्टिफिकेट, इसी तरह हरियाणा 2,947 सर्टिफिकेट, कर्नाटका 2,590, पंजाब 2,274 सर्टिफिकेट के साथ 5वें स्थान पर है. जानकारी दी गयी कि सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली बिहार की इकाइयों में से 18 इकाइयों का सिल्वर व 15 इकाइयों का गोल्ड सर्टिफिकेशन मिला है.

क्या है जेड सर्टिफिकेशन

उत्पादन को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में एमएसएमइ के योगदान बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी. जेडइडी (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड तय किये गये हैं. किसी उत्पाद के निर्माण से निकलने वाले कचरे, ऊर्जा की खपत और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आकलन कर उसे रेटिंग दी जाती है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लये चलायी गयी योजना का उद्देश्य छोटे-मझोले उद्यमों में वेस्टेज को कम करते हुए उन्हें पर्यावरण हितैषी तकनीक अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना है.

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अपर मुख्य सचिव ने कर्मी व अधिकारियों को किया प्रोत्साहित

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित के नेतृत्व में उद्योग विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के कड़ी मेहनत की बदौलत बिहार की इतनी इकाइयों का जेड सर्टिफिकेशन कराया गया है. प्रदेश की दूसरी औद्योगिक इकाइयों को भी यह सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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