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बांका में निगरानी के हत्थे चढ़ा घूसखोर दारोगा, 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

बांका के चांदन थाना में तैनात दारोगा मनोज पासवान के खिलाफ निगरानी विभाग को शिकायत मिली थी. यादोरायडीह गांव के रहने वाले टुनटुन यादव ने दारोगा मनोज पासवान के खिलाफ निगरानी में शिकायत दर्ज कराई थी. केस के अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए दारोगा पीड़ित पक्ष से 20 हजार रुपए की मांग कर रहा था.

बांका. बिहार में लाख सख्ती के बावजूद रिश्वतखोर अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं. आये दिन कहीं न कहीं से रिश्वतखोर की गिरफ्तारी के बावजूद इन लोगों में न तो कानून का डर है और न ही सामाजिक लज्जा. मंगलवार को भी निगरानी विभाग की टीम ने एक घूसखोर दारोगा को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दारोगा बांका के चांदन थाने में तैनात है. आरोपी दारोगा एक केस के अभियुक्त को गिरफ्तार करने के एवज में पीड़ित से 20 हजार रुपए घूस ले रहा था, तभी निगरानी की टीम ने उसे धर दबोचा.

पीड़ित पक्ष से 20 हजार रुपए की मांग

दरअसल, बांका के चांदन थाना में तैनात दारोगा मनोज पासवान के खिलाफ निगरानी विभाग को शिकायत मिली थी. यादोरायडीह गांव के रहने वाले टुनटुन यादव ने दारोगा मनोज पासवान के खिलाफ निगरानी में शिकायत दर्ज कराई थी. केस के अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए दारोगा पीड़ित पक्ष से 20 हजार रुपए की मांग कर रहा था. आरोपी दारोगा पीड़ित टुनटुन यादव पर पैसों के लिए लगातार दबाव बना रहा था. परेशान टुनटुन यादव निगरानी विभाग के दफ्तर पहुंचा और दारोगा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। निगरानी की टीम ने जांच में मामले को सही पाया और निगरानी की टीम बांका पहुंच गई. टीम ने जाल बिछाया और आरोपी दारोगा जब थाना के पास स्थित पान दुकान पर पीड़ित से रिश्वत के पैसे ले रहा था तभी निगरानी की टीम ने उसे धर दबोचा.

रिश्वत के 20 हजार रुपयों को भी बरामद

गिरफ्तार दारोगा के पास से निगरानी की टीम ने रिश्वत के 20 हजार रुपयों को भी बरामद कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद निगरानी की टीम उसे अपने साथ भागलपुर ले गई, जहां पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश करेगी. निगरानी की इस कार्रवाई के बाद चांदन थाना में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. लोगों का कहना है कि निगरानी की इस कार्रवाई से बेशक कुछ घंटे रिश्वत की लेन-देन बंद हो जाये, लेकिन बीमारी इतनी गहरी हो चुकी है कि इसे जड़ से खत्म करना बेहद मुश्किल है. वैसे इस कार्रवाई के बाद थाने के कर्मी थोड़े डरे हुए तो दिख रहे हैं.

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पूरी पेंशन व उपादान की राशि जब्त करने का निर्देश

इसी माह 3 तारीख को रिश्वतखोरी के एक मामले में भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड में कार्यरत पंचायत सचिव अनुपलाल मंडल का डीएम कोर्ट में फैसला सुनाया गया था. 24 दिसंबर 2018 को निगरानी टीम ने मंडल को 45 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गयी थी. इस आरोप में डीएम के निर्देश पर चली विभागीय कार्यवाही पूरी हो चुकी है. डीएम ने निर्देश दिया है कि मंडल की संपूर्ण पेंशन व उपादान की राशि जब्त करें. निगरानी द्वारा गिरफ्तार करने के मामले में जिला पंचायती राज कार्यालय द्वारा अनुपलाल मंडल को निलंबित किया गया था.

तथ्यों के आधार पर मंडल को दंडित किया गया

जमानत मिलने के बाद मंडल का मुख्यालय नारायणपुर प्रखंड कार्यालय निर्धारित किया गया. उनके संबंध में प्राप्त उक्त सूचना के आधार पर जगदीशपुर के बीडीओ द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया. इसकी जांच अपर समाहर्ता ने की. मंडल को उनके बचाव का अवसर प्रदान किया गया. दूसरी कारण पृच्छा में भी उनके द्वारा कोई ऐसा कागजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे उन्हें उनके ऊपर लगे आरोप से मुक्त किया जा सके. उक्त आरोपों की पुष्टि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने भी की. निगरानी की रिपोर्ट में परिवादी व मंडल के बीच हुई वार्ता में पैसे के लेन-देन की बात रिकॉर्ड पर उपलब्ध है. विशेष न्यायाधीश, निगरानी-दो में चार्टशीट भी दाखिल किया जा चुका है. इन तमाम तथ्यों के आधार पर मंडल को दंडित किया गया है.

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