बिहार: NH 31 पर 25 करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले धंसा, गंडक नदी में टूट कर गिरा हिस्सा

अररिया में गंडक नदी पर 25 करोड़ की लागत से बना पुल का हिस्सा उद्घाटन से पहले ही धंस गया. खगड़िया को बेगूसराय सहित पटना और असम को दिल्ली से जोड़ने वाले इस पुल का लगभग पांच मीटर हिस्सा टूट कर नदी में गिर गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2023 10:28 PM

बिहार में पुल के गिरने व क्षतिग्रस्त होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामले खगड़िया शहर के बलुआही में एनएच-31 पर बूढ़ी गंडक नदी पर बने पुल का है. करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल गुरुवार को क्षतिग्रस्त हो गया. पुल का लगभग पांच मीटर हिस्सा टूट कर नदी में गिर गया.

दिन भर लगा रहा जाम

पुल टूटने की सूचना मिलते ही डीडीसी, एसडीओ सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर क्षतिग्रस्त पुल की बैरिकेडिंग कर आवागमन बंद करवाया. इससे एनएच-31 पर दिन भर जाम लगा रहा. भीषण गर्मी में राहगीर कराहते रहे.

सुबह से ही पुल का हिस्सा टूट कर गिरने लगा था

बताया जाता है कि गुरुवार की सुबह से ही गंडक नदी पर बने पुल का हिस्सा टूट कर गिरने लगा था. दोपहर तक लगभग पांच मीटर पुल का हिस्सा टूट कर नदी में गिर गया. यह पुल खगड़िया को बेगूसराय सहित पटना और असम को दिल्ली से जोड़ता है. इधर, अधिकारियों व इंजीनियर का दल मौके पर लगातार कैंप कर रहा है.

पुल बन कर हो गया था तैयार

2017 में बूढ़ी गंडक नदी पर पुल का निर्माण शुरू हुआ था. हालांकि पुल बन कर तीन महीने पहले तैयार हो गया था, जिसका उद्घाटन अब तक नहीं हो पाया है. नवनिर्मित पुल पर आवागमन शुरू कर दिया गया था. यदि जल्द ही पुल की मरम्मत कर आवागमन शुरू नहीं करवाया गया तो आवागमन का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है. छह दशक पूर्व 1962 में बने पुल के समानांतर नये पुल का निर्माण 2017 में शुरू किया गया था. नये पुल की लंबाई 270 मीटर व पुल की चौड़ाई 12.5 मीटर है.

क्षतिग्रस्त पुल पर ट्रक व बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक

एनएचएआइ के अधिकारी बैद्यनाथ सिंह ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जा रही है. क्षतिग्रस्त पुल पर ट्रक व बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है. इधर, बिना उद्घाटन हुए पुल टूटने के कारणों के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब देने से अधिकारी बचते नजर आये.

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किशनगंज में मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का पाया भी धंसा था

बीते दिनों किशनगंज के गलगलिया से अररिया तक एनएच 327इ के चौड़ीकरण में मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का पाया भी धंस गया था. iइस पुल का निर्माण कार्य जीआर इन्फ्रा कंपनी 1546 करोड़ की लागत से 94 किलोमीटर लंबे गलगलिया से अररिया के बीच एनएच 327 इ का चौड़ीकरण का काम कर रही है. इस सड़क पर दर्जन भर नये पुलों का निर्माण होना है. महत्वपूर्ण पुलों में एक किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड से बहादुरगंज प्रखंड के बीच गोरी चौक स्थित मेची नदी पर भी छह स्पैन का पुल बना है, इसी निर्माणाधीन पुल का पाया बीच से धंसा गया था.

अगुवानी घाट – सुल्तानगंज गंगा पुल का सब स्ट्रक्चर पूरी तरह से गंगा में समा गया था

वहीं बीते चार जून को भागलपुर के अगुवानी घाट – सुल्तानगंज गंगा पुल का चार फाउंडेशन व सब स्ट्रक्चर पूरी तरह से गंगा में समा गया था. खगड़िया के अगुवानी से सुल्तानगंज तक करीब 3 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इस पुल को एसपी सिंगला कंपनी बना रही थी. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले अगुवानी पुल का चार पाया ध्वस्त हुआ था. 1711 करोड़ की लागत से बन रहा यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है.

अगुवानी घाट पुल गिरने के बाद एनएचएआइ ने पुलों के जांच के दिए थे आदेश

अगुवानी घाट- सुल्तानगंज निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर चार जून को गिरने के बाद राज्य में एनएचएआइ (National Highway Authority Of India) के माध्यम से बनने वाले सभी पुलों की डिजाइन स्टेज से ही तीसरे पक्ष से जांच होगी. घटना के बाद एहतियाती कदम उठाते हुये यह निर्देश एनएचएआइ के पटना स्थित क्षेत्रीय पदाधिकारी ने अपने सभी परियोजना निदेशकों को दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से यह जांच आइआइटी या एसइआरसी, चेन्नई से करवाने के लिए कहा है.

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