बिहार में एक और पुल बनाने में दिखी लापरवाही, किशनगंज में मेची नदी पर बने निर्माणाधीन पुल का पाया धंसा
बिहार में एक और निर्माणाधीन पुल बनाने में लापरवाही सामने आयी है. किशनगंज में मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का पाया धंस गया. जीआर इन्फ्रा के द्वारा करोडों की लागत से चल रहे प्रोजेक्ट का ये हिस्सा है. कम पानी में ही पुल के पाये का धंसना सवाल खड़ा करता है.
किशनगंज में बीच मेंची नदी पर बना निर्माणाधीन पुल का पाया धंस गया. यह पुल एनएच 327 ई पर ठाकुरगंज से बहादुरगंज के बीच मेची नदी पर बना है. गोड़ी चौक पर बन रहे इस पुल के पहली बरसात में ही धंसने से लोगों ने चिंता जाहिर की है. वहीं घटना के बाद इस मामले में निर्माण एजेंसी की तरफ से बोलने को कोई तैयार नहीं है. विभाग के उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले का जायजा लिया.
जीआर इन्फ्रा के द्वारा करोडों की लागत से चल रहा प्रोजेक्ट
बताते चलें जीआर इन्फ्रा के द्वारा करोडों की लागत से 94 किमी लम्बे गलगलिया से अररिया एनएच 327 ई का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है. इस सड़क पर दर्जन भर नए पुलों का निर्माण होना है. इन्हीं महत्वपूर्ण पुलों में एक गौरी गांव के पास मेची नदी पर भी छह स्पेन का पुल बना है, जिसका बीच का पाया शुक्रवार को धंस गया.
कम पानी में ही धंस गया पाया
अभी नदी में पानी भी ज्यादा नहीं है. केवल बरसाती पानी ही अभी वहां जमा हुआ है, उसके बाद भी निर्माणाधीन पुल का पाया धंसने से लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवता को लेकर चिंता जाहिर की है. इस मामले में एनएचएआई पूर्णिया के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि पुल पर अभी यातायात प्रारंभ नहीं हुआ है. फिर भी इस मामले की जांच करायी जायेगी.
Also Read: बिहार: जेल से निकला और बड़े भाई के सीने में दाग दी गोली, पूर्णिया में हत्या के बाद आरोपित हुआ फरार
नेपाल और बंगाल आना-जाना हो जाएगा आसान
अररिया से गलगलिया के बीच फोर लेन सड़क बनने से बिहार-नेपाल के समानांतर एक और सड़क हो जाएगी, जो आपात स्थिति में एनएच 57 के एक विकल्प के रूप में काम करेगा. वहीं अररिया के अलावा सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों से नेपाल और बंगाल आना-जाना और आसान हो जाएगा.
79 किमी कम पड़ता है यह पथ
बागडोगरा से अररिया भाया ठाकुरगंज की दूरी 129 किमी तो बागडोगरा से अररिया भाया पूर्णिया की दूरी 208 किमी है. वहीं इस रूट से दूरी 79 किमी कम हो जाती है.