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मुजफ्फरपुर में जहां हुआ था नाव हादसा, बागमती नदी पर वहां बनेगा पुल, डीपीआर तैयार कर रही टीम

मधुरपट्टी घाट पर बागमती नदी में पुल निर्माण को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता कमलेश कुमार के साथ डीपीआर तैयार करने वाली टीम भटगांवा पहुंची. इसके साथ ही गायघाट के सीओ राघवेंद्र कुमार राघव ने मधुरपट्टी की विस्तृत रिपोर्ट सौंपते हुए डीएम से वहां पुल बनाने की अनुशंसा की है.

मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के मधुरपट्टी घाट पर बागमती नदी में बीते दिनों नाव पलट गई थी. इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी. वहीं तीन लोगों का शव अब भी नहीं मिल पाया है. इस हादसे के बाद एक बार फिर से मधुरपट्टी घाट और भटगामा घाट के बीच बागमती नदी पर एक बार फिर से पुल बनाने की मांग उठने लगी. जिसके बाद शुक्रवार को पुल निर्माण को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता कमलेश कुमार के साथ डीपीआर तैयार करने वाली टीम भटगांवा पहुंची.

उप मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कराने का दिया निर्देश

जानकारी हो कि इस घाट पर पुल निर्माण कराने की मांग दशकों से रही है. इधर, भयानक नाव हादसा के बाद यहां के स्थानीय विधायक निरंजन राय उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर यहां की घटना की जानकारी दी थी. इसके बाद उप मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को पुल निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया था. उप मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश के बाद डीपीआर बनाने के लिए टीम भटगांवा पहुंच कर डीपीआर बनाने की दिशा में काम शुरू किया है.

गायघाट सीओ ने डीएम से की पुल बनाने की अनुशंसा

इधर, गायघाट के सीओ राघवेंद्र कुमार राघव ने मधुरपट्टी की विस्तृत रिपोर्ट सौंपते हुए डीएम से वहां पुल बनाने की अनुशंसा की है. डीएम की ओर से इसे स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा. गायघाट सीओ ने भेजे गये सर्वे रिपोर्ट में बताया है कि मधुरपट्टी में कुल 468 परिवार, गांव में रहने वालों की संख्या 1973 है. इन लोगों के पास किसी काम से आने जाने के लिए केवल नाव ही सहारा है. गांव जाने वाली सड़क करीब 10 किलोमीटर लंबी है और वहां से राशन दुकान, स्कूल व अस्पताल पहुंचने के लिए इन्हें अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. गांव में सामान्य श्रेणी के लोगों के 69, पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लोगों के 142, अति पिछड़ा वर्ग के 155 व अनुसूचित जाति के कुल 102 घर है. वहीं आबादी के अनुसार सामान्य श्रेणी की 202, पिछड़ा वर्ग की 613, अति पिछड़ा वर्ग की 750 व अनुसूचित जाति की आबादी 408 है.

क्या होता है डीपीआर

डिटेलड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) किसी परियोजना की विस्तृत और व्यापक रूपरेखा होती है. किसी प्रोजेक्ट का पूरा कंटेंट और उस प्रोजेक्ट की प्लानिंग और डिजाइनिंग का पूरा हिस्सा और वर्क रिपोर्ट इसी के तहत तैयार किया जाता है. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में उस परियोजना में उपयोग किए गए संसाधन, खुल खर्च, निवेश और कार्य की समय सीमा, संबंधित कार्य की गणना और अन्य विवरण का उल्लेख होता है.

शुक्रवार को बरामद हुआ एक और शव

प्रखंड के मधुरपट्टी भटगांवा नाव हादसा के नौवें दिन शुक्रवार को लापता चार लोगों में से एक शव की बरामदगी घटनास्थल से ढाई किलोमीटर दूर भगवतपुर घाट से हुई. शव की पहचान मधुरपट्टी गांव निवासी मो शफी की पुत्री शाजदा परवीन (12) के रूप में हुई. शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया.

14 सितंबर को नाव पलटने से डूबे थे 12 लोग

जानकारी हो कि 14 सितंबर को मधुरपट्टी घाट पर नाव पलटने से 12 डूब गये थे. लगातार खोज अभियान चलाने के बावजूद नौ शवों की ही बरामदगी हो सकी है. अब भी तीन लोग लापता हैं. लापता लोगों में रितेश कुमार (16), कामिनी कुमारी (16) और गीता देवी (50) शामिल हैं. रितेश के चाचा व कामिनी के पिता दोनों की खोज में रात-दिन लगे हुए हैं. अपने स्तर से एक भाड़े की नाव की व्यवस्था कर पूरे दिन नदी में घाटों पर शवों को खोजने में लगे हैं. वहीं रात में आधा दर्जन घाटों पर सर्च लाइट की सहायता से भी शव खोजा जा रहा है. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों की बेचैनी के साथ-साथ गम भी बढ़ता जा रहा है.

मधुरपट्टी घाट पर पानी के उतार-चढ़ाव की वजह से हो रहा कटाव

इधर, बारिश की वजह से बागमती नदी के पानी के उतार-चढ़ाव के कारण मधुरपट्टी घाट व बलौर स्कूल के पास कटाव शुरू हो गया है. मधुरपट्टी घाट पर कटाव काफी तेज है. इस कारण इस घाट पर नाव का परिचालन भी खतरनाक हो गया है.

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पुल बनने से क्या होगा फायदा

सूत्रों के अनुसार इस इलाके के लोगों को सीतामढ़ी या दरभंगा जिले से होकर मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय जाने के लिए 55-65 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. इस कारण से बागमती नदी पर पुल और एप्रोच रोड का निर्माण करने की मांग स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे. बागमती नदी पर पुल बन जाने से इन लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरी काफी कम हो जायेगी. साथ ही सीतामढ़ी, मधुबनी और दरभंगा जिले के लोगों को भी इसका फायदा होगा. उन्हें पटना पहुंचने में एक-दो घंटे की बचत होगी.

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