ललित किशोर मिश्र, भागलपुर. नगर निकाय चुनाव को लेकर पिछले कई माह से शहर के समाजसेवियों में होड़ मची है. मैं आगे, तू पीछे की ताल सब ठोक रहे हैं. मेयर पद को लेकर कई चेहरे आगे-पीछे लगे हुए थे. ऐसे में मेयर पद के महिला आरक्षित (महिला ओबीसी) कायम रहने की सरकारी घोषणा ने कई के सपनों पर पानी फेर दिया है. इसी बीच डिप्टी मेयर पद के लिए भी आरक्षण रोस्टर चुने जाने की चर्चा ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी है.
निकाय चुनाव को लेकर चरम पर पहुंच चुकी भागलपुर की राजनीतिक सरगर्मी के यू टर्न लेने की संभावना बनने लगी है. कई नये चेहरों की चमक बढ़ गयी है, तो कई परेशान हैं. दरअसल, डिप्टी मेयर का पद नये सिरे से आरक्षण रोस्टर पर चुने जाने की चर्चा है. मेयर पद के वैसे कई उम्मीदवार, जो डिप्टी मेयर पद के लिए ताल ठोक रहे थे, उन्हें नये आरक्षण रोस्टर जारी होने तक इंतजार करना होगा. इस दौरान भी यह संशय रहेगा कि उन्हें मौका मिलेगा या फिर बिना चुनाव मैदान में आये वो बाहर हो जायेंगे.
मेयर पद के आरक्षित होने की सूचना पहले आ गयी थी. इसके बाद सबसे ज्यादा मारमारी डिप्टी मेयर पद पर था. कुछ लोग प्रत्यक्ष, तो कुछ परोक्ष रूप से लगे हुए हैं. अंतिम समय में भी कुछ चेहरों के सामने आने की उम्मीद है. ऐसे में आरक्षण रोस्टर की चर्चा ने सबको परेशानी में डाल दिया है. इस बार डायरेक्ट चुनाव से उत्साहित हैं सब : इस बार मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव डायरेक्ट होना है. इस वजह से सब उत्साहित हैं. सबको लग रहा है कि उन्हें पार्षदों से मुक्ति मिलेगा.
भागलपुर में मेयर का पद पिछली बार की ही तरह ओबीसी महिला आरक्षित होने के बाद इस पद के लिए एक बार फिर से पुराने चेहरे मैदान में कूदने को तैयार हैं. पिछले चुनाव में शिकस्त खानेवालों से लेकर वर्तमान पदधारी भी मैदान तैयारी में हैं. कुछ नये चेहरे भी तैयार हैं, तो कुछ ने अपनी पत्नी को आगे करने की कर ली है तैयारी.