Bihar: मधुआ कीड़ों ने जमुई के किसानों को किया तबाह, खेत में ही सूख गई हरी-भरी धान की फसल
सुखाड़ की मार झेल रहे जमुई जिले के किसानों की समस्या को बीपीएच (ब्राउन प्लांट हॉपर) या मधुआ कीड़ों ने बढ़ा दिया है. धान की फसल पूरी तरह से सूख गई है और खेतों में अब कीड़े लगने शुरू हो गये हैं.
Bihar Farmer News: सुखाड़ की मार झेल रहे जमुई जिले के किसानों के समक्ष बीपीएच (ब्राउन प्लांट हॉपर) या मधुआ कीड़ों का संकट खड़ा हो गया है. जिन किसानों ने किसी तरह धान की फसल लगाकर उसकी देखभाल की थी, वहीं अब बीपीएच कीड़ों के कारण बर्बादी के कगार पर खड़े हैं. कई एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह से सूख गई है तो कई किसानों के खेतों में कीड़ों के लगने की शुरुआत हो गई है.
धान के हरे भरे खेत अब सूखे
यह स्थिति दीपावली और छठ के दौरान से ही देखने को मिल रही थी, लेकिन इसके करीब एक सप्ताह के बाद अब उसका असर खेतों में दिखने लगा है. नतीजतन धान के हरे भरे खेतों में अब सुखा देखने को मिल रहा है. जिन किसानों के चेहरे पर धान की अच्छी फसल की उम्मीद को लेकर मुस्कुराहट थी अब उनके चेहरों पर मायूसी झलकने लगी है.
धान के खेत में छोटे-छोटे कीड़े लगे
किसानों ने बताया कि धान के खेत में छोटे-छोटे कीड़े लग गए हैं जो शुरुआत में कुछ-एक खेतों में ही दिख रहा था. लेकिन अब धीरे-धीरे पूरे बहियार में इसका असर देखने को मिल रहा है. जिन खेतों में बीपीएच (ब्राउन प्लांट हॉपर) या मधुआ कीड़ा लगा है, उन खेतों में 6 से 7 दिन के भीतर धान की पूरी फसल सूख गई है. इतना ही नहीं फसल की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि केवल धान का छिलका ही बचा है. वही उसका पुआल भी सड़ गया है. जिसका इस्तेमाल मवेशी के चारा के रूप में भी नहीं किया जा सकता है.
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सुखाड़ के बाद मधुआ कीट के आक्रमण ने मारा
गौरतलब है कि जमुई जिले में समयानुसार तथा मनोनुकूल बारिश नहीं होने के कारण किसान वर्तमान में सुखाड़ की मार झेल रहे हैं. हालांकि इस दौरान जमुई जिले के 3 पंचायतों को सुखाड़ से मुक्त माना गया था. जिसमें प्रखंड के खैरा, केंडीह और दाबिल पंचायत शामिल हैं. इन पंचायतों में किसानों ने धान की फसल लगाई थी, हालांकि किसानों का कहना है कि धान का पौधा बचाने के लिए पहले उन्होंने टैंकर, डीजल पंप सेट आदि का सहारा लिया था. बाद में बारिश हुई जिस कारण धान की फसल अच्छी थी, पर अचानक से मधुआ कीट के आक्रमण ने किसानों के सभी किए कराए पर पानी फेर दिया.
(जमुई से गुलशन कश्यप की रिपोर्ट)