बिहार बोर्ड ने लगातार तीसरे साल देश में सबसे पहले मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर इतिहास रच दिया. वर्ष 2019 में छह अप्रैल, 2020 में 26 मई व 2021 में पांच अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया. इस वर्ष कोरोना के बावजूद मैट्रिक का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में घोषित किया गया. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने इसके लिए सभी पदाधिकारियों, कर्मियों को धन्यवाद व बधाई दी.
उन्होंने कहा कि परीक्षा कार्य से जुड़े बोर्ड के पदाधिकारियों व कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देने के साथ-साथ पुरस्कृत भी किया जायेगा. 16.50 लाख से भी अधिक परीक्षार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू होने के सिर्फ 25वें दिन रिजल्ट जारी कर दिया गया, जो पूरे देश में एक कीर्तिमान है.
17 से 24 फरवरी तक मैट्रिक की परीक्षा हुई थी. इसके बाद 12 से 24 मार्च तक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन हुआ. मूल्यांकन कार्य में लगभग 1.01 करोड़ कॉपियों व लगभग 1.01 करोड़ ओएमआर शीट की जांच करते हुए रिकॉर्ड 25वें दिन रिजल्ट जारी कर दिया गया.
खास बात है कि बोर्ड ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए 2021 की इंटर व मैट्रिक की वार्षिक परीक्षाएं ससमय आयोजित कीं. वह भी तब, जब देश के अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड या राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड अब तक वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन भी नहीं कर सके हैं.
अब देश कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके चलते कुछ राज्य परीक्षा बोर्डों ने वार्षिक परीक्षाओं को स्थगित भी कर दिया गया है. ऐसे में बिहार बोर्ड की ओर से सबसे पहले मैट्रिक परीक्षा 2021 का रिजल्ट जारी किया जाना ऐतिहासिक है. यह राज्य के लाखों स्टूडेंट्स के हित में भी है.
मूल्यांकन सीसीटीवी की निगरानी में हुई थी. प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर छह कंप्यूटर की व्यवस्था की गयी थी. कॉपी जांचने के तुरंत बाद उसी दिन मूल्यांकन के अंक कंप्यूटर में इंट्री किये गये थे. मूल्यांकन केंद्र पर मूल्यांकन अवधि के लिए दंडाधिकारी के साथ पर्याप्त पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति भी थी. मूल्यांकन केंद्र पर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश नहीं था. 200 गज की परिधि में धारा 144 लागू की गयी थी.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मैट्रिक टॉप-10 में सात लड़कियां हैं. यह सरकारी नीतियों, विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सफल नीतियों की देन है. सिमुलतला आवासीय स्कूल के साथ-साथ अलग अलग जिलों के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. कदाचारमुक्त परीक्षा लेने के बाद पारदर्शितापूर्ण मूल्यांकन के लिए बिहार बोर्ड और शिक्षक बधाई के पात्र हैं.
Posted By: Utpal Kant