BSEB: बिहार में महिलाओं का शिक्षा के प्रति कितना झुकाव है ये इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक महिला प्रसव के तीन घंटे के बाद ही मैट्रिक परीक्षा देने पहुंच गयी. पूरा मामला बांका है. महिला के इस कदम और हौसले की तारीफ हर तरफ हो रही है. बताया जा रहा है कि बांका के चांदन प्रखंड मुख्यालय के एमएमकेजी उच्च विद्यालय में 22 वर्ष रुकमिणी कुमारी का मैट्रिक परीक्षा का सेंटर था. पहला पेपर देकर घर जाने के बाद उन्हें प्रसव पीड़ा हुई. सुबह उन्होंने बच्चे को जन्म दिया और तीन घंटे बाद ही पेपर देने सेंटर पर पहुंच गयीं.
चिकित्सक की देख-रेख में दी परीक्षा
रुकमिणी ने बताया कि गर्भावस्था में ही पहले दिन गणित का पेपर दिया था. पेपर अच्छा हुआ था. इसके बाद घर गयी. खाना खाकर सोने पर रात में प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. सुबह छह बजे बच्चे का जन्म हुआ. इसके बाद नौ बजे परीक्षा देने सेंटर पर पहुंच गयी. सेंटर पर रुकमिणी के जोश और जुनून को देखते हुए उस केंद्र पर चिकित्सक की देख-रेख में परीक्षा देने की अनुमति दे दी गयी. रुकमिणी कटोरिया प्रखंड के एक विद्यालय से नियमित छात्रा के रूप में पढ़ाई कर रही है. उसकी शादी प्रखंड के सिलजोरी पंचायत के पैलवा गांव में हुई है.
बेटे के लिए पढ़ना जरूरी: रुकमिणी
मैट्रिक परीक्षार्थी रुकमिणी ने बताया कि परीक्षा से पहले उसने बेटे को जन्म दिया है. मैट्रिक परीक्षा में सारे कष्ट के बाद भी उसी बेटे के लिए शामिल होने आयी. वो खुद पढ़ी लिखी होगी तो ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देगी. सुबह विज्ञान का पेपर था, इसी वजह से उसने चिकित्सक डॉ. भोलानाथ से परीक्षा देने के लिए इजाजत मांगी. उसने बताया कि उसके विज्ञान का पेपर भी अच्छा हुआ है.