पटना. मैट्रिक परीक्षा 17 फरवरी से शुरू हो रही है. सभी 38 जिलों में 1,525 परीक्षा केंद्रों पर 24 फरवरी तक परीक्षा आयोजित होगी. वहीं, उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन पांच से 17 मार्च तक चलेगा. बिहार बोर्ड ने परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहन कर आने की अनुमति दे दी है.
इस बार कोरोना के कारण परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ायी गयी है. पिछले वर्ष 1,368 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा हुई थी. इस बार 157 परीक्षा केंद्रों और 1,55,073 परीक्षार्थी बढ़ गये हैं.
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने के लिए 16 लाख 84 हजार 466 विद्यार्थियों ने फॉर्म भरा है. इनमें आठ लाख 37 हजार 803 छात्राएं और आठ लाख 46 हजार 663 छात्र हैं.
2020 की मैट्रिक परीक्षा में सात लाख 83 हजार 34 छात्राएं, जबकि सात लाख 46 हजार 359 छात्र थे. आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा फॉर्म भरे हुए विद्यार्थियों में से लगभग आधे विद्यार्थी एक पाली की परीक्षा में शामिल होते हैं और पूरी परीक्षा के दौरान उसी पाली में ही परीक्षा देते हैं.
इसी प्रकार आधे विद्यार्थी दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल होते हैं और पूरी परीक्षा के दौरान उसी पाली में ही परीक्षा देते हैं. इस प्रकार प्रथम पाली की परीक्षा में आठ लाख 46 हजार 969 परीक्षार्थी शामिल होंगे, जिनमें चार लाख 22 हजार 661 छात्राएं और चार लाख 24 हजार 308 छात्र हैं.
इसी प्रकार दूसरी पाली की परीक्षा में आठ लाख 37 हजार 497 परीक्षार्थी शामिल होंगे, जिनमें चार लाख 15 लाख 142 छात्राएं और चार लाख 22 हजार 355 छात्र रहेंगे.
प्रथम पाली के परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के समय (9:30 बजे) से 10 मिनट पहले यानी 9:20 बजे तक परीक्षा भवन में प्रवेश करना होगा. देर होने पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा.
दूसरी पाली की परीक्षा 1:45 बजे से शुरू होगी. इसके लिए 1:35 बजे तक ही परीक्षा भवन में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी. दोनों पालियों में देर से पहुंचने के बाद प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी.
Posted by Ashish Jha