बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से बुधवार एक फरवरी से इंटर की वार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है. परीक्षा में पहली बार विद्यार्थियों से प्रत्येक विषय में दोगुने प्रश्न पूछे जायेंगे. विद्यार्थियों को पूछे गये कुल प्रश्नों में से 50 प्रतिशत सवालों का ही जवाब देना होगा. इसके साथ ही समिति की ओर से पहली बार इंटर परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की पहचान के लिए यूनिक आइडी जारी किया गया है. पहले दिन प्रथम पाली में एक फरवरी को मैथ (साइंस) की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से 12.45 बजे तक चलेगी. वहीं, द्वितीय पाली में हिंदी (आर्ट्स) की परीक्षा 1:45 से से शाम 5.00 बजे तक होगी. परीक्षा में राज्यभर से 13,18,227 विद्यार्थी शामिल होंगे. इनमें 6,36,432 छात्राएं तथा 6,81,795 छात्र हैं. पटना जिला में कुल 79,641 परीक्षार्थी. इनमें 41,593 छात्राएं व 38,048 छात्र हैं. पटना जिले में कुल 80 सेंटर बनाये गये हैं. यह जानकारी समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी है. परीक्षा को लेकर सभी केंद्रों पर धारा 144 लगा दी गयी है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इंटर 2023 की वार्षिक परीक्षा एक फरवरी से शुरू हो रही है. वहीं मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा भी 14 फरवरी से शुरू होगी. आम तौर पर देखा जाये, तो विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का समय काफी तनावपूर्ण होता है. परीक्षा के अलावा विद्यार्थियों पर बेहतर प्रदर्शन, समय सीमा, कार्यभार की वजह से तनाव उत्पन्न होने लगता है. परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को तनाव से दूर रखने व किस तरह एग्जाम में शामिल हों, इसको लेकर शिक्षकों ने विद्यार्थियों को कई टिप्स दिये हैं, जिसे अपना कर वे परीक्षा के तनाव को खुद से दूर रखते हुए बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं.
एक्सपर्टबताते हैं कि परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी अपने नोट्स व स्कूल के शिक्षकों द्वारा पढ़ाये गये टॉपिक को प्रतिदिन रिवाइज करें. अब जितना पढ़ा है, उसे ही रिवाइज करें, कुछ नया न पढ़ें. इसके साथ ही परीक्षा में क्वेश्चन पेपर को पहले 15 मिनट बेहतर ढंग से पढ़ने के बाद जवाब लिखना शुरू करें. इसके साथ ही अलग-अलग विषयों के प्रमुख चैप्टर पर कमांड रखें ध्यान रखें. इसके अलावा बोर्ड जारी मॉडल पेपर और पिछले पांच वर्षों में पूछे गये सवालों की भी प्रतिदिन प्रैक्टिस करें. परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है. हर दिन विद्यार्थी कम से कम 6 से 7 घंटे की नींद लें और पौष्टिक भोजन डायट में शामिल करें.