बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने पटना से दिल्ली के लिए वातानुकूलित बस सेवा शुरू की थी. पटना-दिल्ली वॉल्वो बस सेवा की बसें दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड जाती हैं. मार्च, 2019 में शुरू हुई यह बस सेवा अब दम तोड़ती नजर आ रही है. पटना के बाकीपुर से खुलने वाली ये बसें मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा के रास्ते दिल्ली तक जाती है. लेकिन, पटना से दिल्ली के लिए सीधा रिजर्वेशन माह में कभी-कभार ही होता है. अधिकतर बुकिंग पटना से गोपालगंज, गोपालगंज से गोरखपुर और गोरखपुर से लखनऊ के लिए ही होती है. वर्तमान में दो बसें चल रही हैं. इनमें स्लीपर बस में 41 और सीटर में 50 यात्रियों की क्षमता है. गुरुवार को यात्रियों के अभाव में बस को रद्द कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, बीएसआरटीसी ने पटना से दिल्ली के बीच स्लीपर और सीटर कैटेगेरी की दो तरह की एक-एक बसें शुरू की थीं. एसी स्लीपर और सीटर बस पर एक बार में करीब 40 हजार रुपये का खर्च होता है. इसमें डीजल का खर्च करीब 30 हजार रुपये, जबकि टोल टैक्स का खर्च 10 हजार रुपये का होता है. पटना से दिल्ली का किराया 1650 रुपये होता है. त्योहारी, शादियों के सीजन को छोड़कर बाकी मौकों पर बसें भरकर नहीं जाती हैं.
शेड्यूल के मुताबिक, पटना से दिल्ली के लिए दो बसें और इसी तरह से दिल्ली से पटना के लिए दो बसें रोजाना रवाना होती हैं. लेकिन, यात्रियों की कमी से कभी-कभी बस सेवा रद्द भी कर दी जाती है. बीएसआरटीसी के अधिकारी बताते हैं कि सिर्फ एक बस के पटना से दिल्ली और दिल्ली से पटना की आवाजाही पर हर महीने 24 लाख रुपये का खर्च होता है. अगर दोनों बसों के हिसाब से देखें, तो पटना-दिल्ली और दिल्ली-पटना की आवाजाही पर 48 लाख का खर्च होता है, लेकिन कमाई उस हिसाब से नहीं है.
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दरअसल, पटना से दिल्ली के बीच हर आधे घंंटे में ट्रेन चलती है. इसी तरह त्योहारी और छुट्टी के सीजन में पूर्व मध्य रेलवे की तरफ से स्पेशल ट्रेनें भी चलायी जाती हैं, लिहाजा यात्रियों की प्राथमिकता बस के बजाय ट्रेनों से होती है.पटना से दिल्ली में थर्ड एसी का किराया भी 1600 के करीब है, इसलिए यात्री बस के बजाय थर्ड एसी से ही जाना पसंद करते हैं.