पटना. राज्य कर्मचारी चयन आयोग की 23 दिसंबर शुक्रवार को आयोजित पहली पाली की परीक्षा को रद्द कर दिया है. आयोग रद्द परीक्षा को अगले 45 दिनों के भीतर आयोजित करेगी. सोमवार की देर शाम राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. आयोग ने 23 दिसंबर को राज्य के 528 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में तथा 24 को एक पाली में तृतीय स्नातक स्तर की परीक्षा आयोजित की थी.
23 दिसंबर की पहली पाली की परीक्षा में आये प्रश्न पत्र वायरल हुए थे. वायरल प्रश्न पत्र का असली प्रश्न पत्र से मिलान किया गया. इस संबंध में इओयू को जांच सौंपी गयी. जांच के क्रम में इओयू को कुछ ऐसे प्रमाणमिले जो परीक्षा की स्वच्छता और पारदर्शिता को दूषित होने की ओर इंगित हो रहा है. आयोग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि वह किसी भी परीक्षार्थी या अभ्यर्थी के साथ भेदभाव नहीं होने देगा. साथ ही आयोग ने परीक्षार्थियों से कहा कि वह किसी भी अफवाह पर यान नहीं दे.
गौरतलब है कि पहली पाली की परीक्षा के दौरान माेतिहारी के एक केंद्र से प्रश्न पत्र वायरल हुआ था. इस मामले में दो थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि जैसे ही प्रश्नपत्र वायरल होने की सूचना आयी, इओयू पुख्ता जांच कर रहा है. इससे पहले शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मामले की जांच की जा रही है, दोषियों को छोड़ा नहीं जायेगा. परीक्षा रद्द करने के सवाल पर उस वक्त शिक्षामंत्री ने कहा था कि पहले मामले को देखने दीजिए, फिर उसपर फैसला लेंगे.
EOU के द्वारा की गयी प्रारंभिक वैज्ञानिक जांच में पता चला कि प्रश्न पत्र सबसे पहले मोतिहारी से वायरल हुआ है. बताया जा रहा है कि पेपर वायरल करने का आरोपी अजय का परीक्षा सेंटर मोतीहारी में था. वो किसी तरह छुपाकर परीक्षा सेंटर में मोबाइल लेकर गया. वहां उसने प्रश्न पत्र मिलने के बाद उसका फोटो लिया और बाहर अपने दोस्तों को भेज दिया. इसके बाद बड़े आराम से परीक्षा के तुरंत बाद मोतिहारी छोड़कर सुपौल भाग गया. बाद में EOU की टीम जब जांच करते हुए स्कूल में पहुंची और सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो अजय की हरकत उसमें दिख गयी. इसके बाद, टीम ने उसपर अपना शिकंजा कस दिया.