बीएसएससी पेपर लीक मामले के तार प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करा कर पास कराने वाले सिंडीकेट से जुड़ते नजर आ रहे हैं . मुख्य व्यक्ति सुपौल के अजय कुमार किसी सॉल्वर गैंग का सदस्य है. वह कई अन्य अभ्यर्थियों को पहले भी डिवाइस देकर परीक्षा केन्द्र भेजता रहा है. अजय ने वन एवं पर्यावरण विभाग की एक परीक्षा में भी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया था.
बीएसएससी की परीक्षा में वो इस बार पकड़ा न जाये इसके लिए उसने चालाकी दिखाई. इस बार योजना के तहत वह पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के निर्धारित समय सुबह 10 बजे से ठीक 10 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पहुंचा था. पेपर की जल्दी में उसकी जांच ठीक से नहीं हो पायी थी और वो चकमा देकर मोबाइल लेकर अंदर चला गया.
मुख्य अभियुक्त अजय कुमार के पिता अशोक कुमार बेतिया थाना में दारोगा के पद पर तैनात हैं. पिता भी बेतिया के एक सेंटर पर ड्यूटी पर थी. आर्थिक अपराध इकाई को अभी तक ऐसी कोई जानकारी तो नहीं मिली है जिसमें आरोपी के पिता एवं पुलिस के दरोगा को बेटों की करतूत के बारे में जानकारी हो. ये लोग मूल रूप से सुपौल जिले के रहने वाले हैं. आर्थिक अपराध इकाई ने शनिवार को गिरफ्तार हुए चार अन्य अभ्यर्थियों से भी अलग-अलग पूछताछ की है. इन अभ्यर्थियों ने भी जो जानकारी दी है उससे शक शाल्वर गैंग पर जा रहा है.
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पटना के खेमनीचक से गिरफ्तार जीतू पासवान का परीक्षा केंद्र पूर्णिया में था, उसके पास से हाथ में चिपकाया हुआ हाईटेक ब्ल्यूटूथ डिवाइस मिला था. जीतू को किसी दूसरे गैंग ने इस डिवाइस को देकर भेजा था कि उसे उत्तर लिखवा दिया जायेगा. आर्थिक अपराध इकाई का अनौपचारिक रूप से यह मानना है कि डिवाइस के साथ पकड़े गए अभ्यर्थियों का संबंध अजय कुमार के सॉल्वर गैंग से हो सकते हैं. गैंग ने डिवाइस की बदौलत ही अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का भरोसा दे रखा था.