बांका. कोरोना काल में जिले के शभुगंज प्रखंड में सीमेंट-गिट्टी की दुकान से बाल्टी, मग व थाली-ग्लास की फर्जी खरीदारी कर राशि हड़पने का मामला सामने आया है. इस संबंध में वहां के तत्कालीन सीओ परमजीत सिरमौर पर डीएम सुहर्ष भगत ने 19 लाख रुपये के गबन की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही उनके विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठन करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भी कार्रवाई के लिए लिखा है.
परमजीत फिलहाल बेगूसराय के तेघड़ा में तैनात हैं. डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि जांच टीम ने पाया कि कोरेंटिन सेंटर पर खर्च हुए रुपये में हेराफेरी हुई है. जांच रिपोर्ट में बताया कि तत्कालीन सीओ ने चार वेंडरों को 19.41 लाख रुपये का भुगतान किया है. इनमें नवल किराना स्टोर को 11.74 लाख बिना जीएसटी काटे भुगतान कर दिया. जांच में यह दुकान भी नहीं मिली. विपिन कुमार इंटरप्राइजेज, मिर्जापुर वास्तव में गिट्टी, बालू, छड़ व सीमेंट की दुकान है, पर यहां से प्लास्टिक की बाल्टी, मग व स्टील की थाली-ग्लास खरीदी गयी.
मुजफ्फरपुर रोहतास में पुल बेचने की घटना के बाद अब मुजफ्फरपुर जिले के औराई में पंचायत भवन को तोड़कर उसका मलबा बेच दिया गया है. प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने इस संबंध में मुखिया व पंचायत सचिव को पत्र भेज कर दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. बीपीआरओ के पत्र में कहा गया है कि बिना नीलामी के सरकारी भवन को निजी तौर पर बेचना वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि पंचायत भवन को जेसीबी से ध्वस्त कर उसके मलबे को बेच दिया गया है. इसकी कोई सूचना विभाग को नहीं दी गयी है. करीब 15 वर्ष औराई के पूर्व विधायक अर्जुन राय ने विधायक फंड से इसका निर्माण करवाया था. मुखिया उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि पंचायत भवन जीर्णशीर्ण था. कहीं भी बैठने की जगह नहीं थी. इसलिए तोड़ा गया है. इसी जगह सामुदायिक भवन बनेगा. बीपीआरओ गिरिजेश नंदन ने कहा कि शिकायत मिलने पर स्थल जांच के क्रम में बिना नीलामी के पंचायत भवन को तोड़कर बेचने का मामला सामने आया है.