वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप के लिए अभी करना होगा इंतजार, जानें कब तक पूरा होगा निर्माण
बुद्ध स्मृति स्तूप और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के नये रूप को देखने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट अपनेतय समय से काफी पीछे चल रहा है. भवन निर्माण विभाग का यह मेगा प्रोजेक्ट 301 करोड़ का है.
ललितांशु, मुजफ्फरपुर. बुद्ध स्मृति स्तूप और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के नये रूप को देखने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट अपनेतय समय से काफी पीछे चल रहा है. भवन निर्माण विभाग का यह मेगा प्रोजेक्ट 301 करोड़ का है. रिपोर्ट के अनुसार, बुद्ध स्मृति स्तूप और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के गुंबद की संरचना 31 मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि जिस गति से इसका निर्माण कार्य चल रहा है उससे नहीं लगता है कि तय समय के भीतर इसका काम पूरा हो जाए.
साढ़े तीन वर्षों में यह योजना महज 35 फीसदी काम
साढ़े तीन वर्षों में यह योजना महज 35 फीसदी लक्ष्य को ही पूरा कर सकी है. निर्माण एजेंसी को दी गयी समय सीमा भी दस महीने पहले समाप्त हो चुकी है. अभी तक स्ट्रक्चर का काम ही पूरा हुआ है. इसके निर्माण कार्य में और तेजी लाने की जरूरत है. सम्यक दर्शन संग्रहालय को लेकर खुद सीएम विभाग को हिदायत दे चुके हैं.
15 अक्टूबर तक इन कार्यों को पूरा करने का दावा
विभाग और एजेंसी की ओर से बुद्ध स्मृति स्तूप और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में कुछ काम जैसे गेस्ट हाउस, विजिटर रूम, म्यूजियम, मेडिटेशन हॉल व लाइब्रेी को इसी वर्ष 15 अक्टूबर तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है. कार्यपालक अभियंता ने कार्य प्रगति के संदर्भ में रिपोर्ट भी दी है. इन कार्यों की फिनिशिंग का काम चल रहा है. इसके साथ ही संग्रहालय में कैंपस फिलिंग का काम 70 फीसदी पूरा हो चुका है.
दुनिया भर से आयेंगे पर्यटक
इन दोनों चीजों बन जाने पर बड़ी संख्या में दुनिया भर से पर्यटक आयेंगे. अभी सभी पर्यटक बोधगया से ही लौट जाते हैं. इसके साथ ही बोधगया और वैशाली को लिंक करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं. वैशाली का अपना ऐतिहासिक महत्व है. इस स्थल का भगवान बुद्ध के साथ-साथ भगवान महावीर से भी रिश्ता है. आंकड़ों के अनुसार, बुद्ध स्मृति स्तूप व बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निर्माण करीब 72 एकड़ में हो रहा है.
मेगा प्रोजेक्ट आंकड़ों में
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प्रोजेक्ट की राशि – 301,40055
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मार्च 2019 में जारी हुआ वर्क ऑर्डर
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शापूरजी पॉलोनजी एंड कंपनी प्रा. लि. को मिला काम
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अक्टूबर 2021 में प्रोजेक्ट का था अंतिम डेडलाइन
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अभी तक 103 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च
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भौतिक प्रगति महज 35 फीसदी