दलाई लामा के उपदेशों से तीन दिनों तक गूंजेगी बुद्धनगरी, कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 8 बजे शुरू होगा कार्यक्रम
दलाई लामा की टीचिंग का आयोजन समिति द्वारा श्रोताओं की सुविधा के लिए 15 भाषाओं में अनुवाद कर इसे एफएम बैंड पर भी प्रसारित किये जाने का इंतजाम किया गया है. दलाई लामा की टीचिंग का 15 भाषाओं में वेबकास्ट भी किया जायेगा.
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का कालचक्र मैदान में गुरुवार की सुबह आठ बजे से तीन दिवसीय टीचिंग कार्यक्रम शुरू होगा. इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है और कड़ी सुरक्षा के बीच टीचिंग सुनने वाले श्रद्धालुओं व बौद्ध लामाओं को सुबह पांच बजे से मैदान के विभिन्न प्रवेश द्वारों के माध्यम से इंट्री करायी जायेगी. कालचक्र मैदान में प्रवेश करने वाले सभी को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है और सुरक्षा कारणों से साथ में मोबाइल फोन के साथ ही किसी तरह के इलेक्ट्रानिक्स उपकरण, स्मार्ट वाच इत्यादि के साथ प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.
टीचिंग का 15 भाषाओं में वेबकास्ट किया जायेगा
टीचिंग के आयोजन समिति द्वारा श्रोताओं की सुविधा के लिए अलग-अलग 15 भाषाओं में अनुवाद कर इसे एफएम बैंड पर भी प्रसारित किये जाने का इंतजाम किया गया है. दलाई लामा की टीचिंग का 15 भाषाओं में वेबकास्ट भी किया जायेगा. इनमें तिब्बतन, चायनीज, वियतनामी, जापानी, हिंदी, कोरियन, रसियन, नेपाली, लद्दाखी, इटैलियन , पुर्तगाली व मंगोलियन भाषा शामिल हैं. इन्हें एफएम बैंड के अलग-अलग मेगाहर्ट्ज पर सुना जा सकेगा. हालांकि, यह सुविधा कालचक्र मैदान क्षेत्र में ही उपलब्ध करायी गयी है. इसे मोबाइल फोन के माध्यम से भी सुना जा सकेगा.
सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है
अपने धर्मगुरु के प्रवचन सुनने यहां पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं का भगवान बुद्ध के प्रति आस्था व श्रद्धा का सैलाब इन दिनों देखने को मिल रहा है. इससे पहले की वे दलाई लामा का प्रवचन सुने, सभी महाबोधि मंदिर में बुद्ध के दर्शन व मंदिर की परिक्रमा कर लेना चाहते हैं. इसे लेकर अहले सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लग रही है. लेकिन, आम दिनों की तरह बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से जांच प्रक्रिया को लेकर कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गयी है. इसके कारण जांच में सख्ती के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है.
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मंदिर की व्यवस्था पड़ रही है कम
बुधवार की सुबह मंदिर परिसर के बाहर हजारों श्रद्धालु लाइन में खड़े दिखे व बीटीएमसी कार्यालय से लेकर जयप्रकाश उद्यान तक सड़क पर ही दो-तीन लंबी लाइन लगी रही. भीड़ में शामिल कई श्रद्धालुओं ने कहा कि मंदिर प्रबंधन को अतिरिक्त व्यवस्था कर सुविधा में बढ़ोतरी करनी चाहिए. बहरहाल, इन दिनों महाबोधि मंदिर में एक साथ हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी बनी रह रही है और उनकी सुविधा का ख्याल रखना स्थानीय प्रशासन का पहला कर्तव्य बनता है.