पटना. सोमवार को पेश आम बजट को लेकर माना जा रहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य जैसे बड़े क्षेत्रों में किये गये एलान का लाभ बिहार को भी मिलेगा. इन्हीं घोषणाओं में मेट्रो नियो चलाने की भी घोषणा शामिल है. इसका लाभ पटना के लोगों को भी मिल सकता है. हालांकि, कई जानकार मानते हैं कि बिहार के लिए विशेष पैकेज जैसी पुरानी मांगों को तवज्जो मिलनी चाहिए थी.
केंद्र सरकार ने अपने बजट में परंपरागत मेट्रो के अलावा मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो चलाने की घोषणा की है. यह नयी तकनीक पर आधारित रेल गाड़ियां हैं. केंद्रीय बजट में 20 लाख तक जनसंख्या वाले शहरों में मेट्रोनियो की शुरुआत की जायेगी है.
जानकार बताते हैं कि पटना भी मेट्रोनियो सुविधा वाले शहर में शामिल होगा. मेट्रो नियो की लागत कम आती है और उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कम जगह की जरूरत होगी.
बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने 2030 के लिए एक नेशनल प्लान तैयार किया है, जिसमें लॉजिस्टिक कॉस्ट के बारे में पता लगाया जायेगा. इसमें सबसे ज्यादा जोर पूरे देश में मेट्रो नेटवर्क को बढ़ावा देना होगा और मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो को स्थापित किया जायेगा.
मेट्रो नियो को चलाने की लागत परंपरागत मेट्रो से लगभग 40 फीसदी कम होती है. यह मेट्रो लाइट से भी हल्की और ट्राम की तरह होती है. इसे एक प्रकार से मेट्रो बस भी कहा जा सकता है. यह सड़क की सतह के साथ एलिवेटड कॉरिडोर में भी चल सकती है.
गौरतलब है कि पटना में मैट्रो चलाने के लिए वर्ष दो फरवरी 2019 को केंद्र सरकार ने सहमति दी थी. इस पर 13365.77 रुपये करोड़ खर्च का प्रावधान है. पटना मेट्रो का निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कर रही है. वर्ष 2019 के 25 सितंबर को पीएमआरसीएल और डीएमआरसीएल के बीच एमओयू किया गया.
17 मार्च 2020 को मेट्रो के संशोधित प्रस्ताव पर स्वीकृति मिली. वर्तमान में पटना में मेट्रो निर्माण के लिए डीएमआरसीएल ने लगभग एक दर्जन निविदा जारी कर दी है. कई पर काम की स्वीकृति भी कंपनियों को मिल चुकी है. अब तक केंद्र सरकार ने 213 करोड़ और राज्य सरकार ने 213 करोड़ रुपये मेट्रो के लिए स्वीकृत कर दिये हैं.
पिछले महीने की शुरुआत में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने मेट्रो नियो प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था. यह प्रोजेक्ट उन शहरों के लिए पेश किया गया है, जहां पर 20 लाख तक की आबादी है. मेट्रो नियो में लोहे की जगह रबड़ के टायर होते हैं.
तीन कोच केे इस मेट्रो के हर कोच में 200 से 300 लोग सफर कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें स्टेशन परिसर के लिए बड़े जगह की जरूरत नहीं होती है. कोरिडोर की लंबाई करीब 19 किमी होगी.
Posted by Ashish Jha