Budget 2023: किसानों को 600 करोड़ रुपये के अनुदान का आज भी है इंतजार, 2015 में सरकार ने किया था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट 2023-24 पेश करेंगी. इस बजट से बिहार के किसानों को 600 करोड़ रुपये के अनुदान का इंतजार है. जिस अनुदान की घोषणा वर्ष 2015 में हुई थी.
Budget 2023: बिहार में खेती की लागत को कम करने के लिए और कृषि को रसायन मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा समय समय पर किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाता है. प्रदेश के किसानों को बजट 2023-2024 से काफी कुछ उम्मीदें है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट 2023-24 पेश करेंगी. इस बजट से प्रदेश के किसानों को 600 करोड़ रुपये के अनुदान का इंतजार है. इस अनुदान की घोषणा 2015 हुई थी. किसानों को उम्मीद है कि इस बार बजट में उन्हें 600 करोड़ रुपये का लाभ मिल सकता है.
किसानों को इस बजट से काफी कुछ उम्मीदें
देश के कई राज्यों में जैविक खेती के लिए अनुदान सरकार द्वारा दिये जा रहे है. इसके लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई है. प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती का विस्तार किया जा रहा है. सरकार ऐसी खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक मदद भी दे रही है. किसानों को जैविक खेती के लिए बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए मिशन के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये के प्रावधान प्रस्तावित है.
सरकार द्वारा डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट यानी एसएसपी के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया. इसके अतर्गत किसानों को ड्रोन तकनीक, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती, सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों को बेहतर तकनीक उपलब्ध कराते हुए डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक पर जोर दिया जाएगा.
तिलहन खेती को बढ़ावा देने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान
तिलहन की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार सरकार किसानों प्रोत्साहित कर रही है. खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने के लिए इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने ‘राज किसान साथी पोर्टल’ बनाया गया है. यह किसानों एवं कृषि संबंधित बिजनेस करने वालों के लिए एकल खिड़की के रूप में काम कर रहा है.
बजट 2023 से उम्मीदें
तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अंतर्गत अधिक धान उत्पादन से बंजर भूमि, अंतर फसलें, गैर पांरपरिक राज्यों में सरसों और सोयाबीन मिशन तथा फसल विविधीकरण के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा. अब बिहार के किसानों को इस बार की बजट से यह उम्मीद है कि 2015 में जो 600 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था, इस बार मिलेगा.
Posted By: Radheshyam Kushwaha