Budget 2023: केंद्र सरकार सदन में बजट 2023 पेश करने जा रही है. इससे चिकित्सकों को काफी उम्मीदें हैं. स्वास्थ्य के आधारभूत संरचना को और बेहतर करने के लिए बजट में अलग से प्रावधान हो, जिस तरह रक्षा में केंद्र सरकार खर्च करती है, उसी तरह स्वास्थ्य में भी खर्च करें. खास कर कोरोना के बाद आधारभूत सुविधा को और बेहतर बनाने की जरूरत है. हेल्थ सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें रहेंगी.
कुल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज 1.35 प्रतिशत ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर खर्च किया जाता है. इसे बढ़ाकर कम से कम 5 प्रतिशत करने की उम्मीद डॉक्टर कर रहे हैं. जेनरिक मेडिसिन हर जगह उपलब्ध हो, यह पहल होनी चाहिए. मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी की सुविधा में विस्तार हो.
हेल्थ सेक्टर से जुड़े कर्मियों की मांग है कि आधुनिक उपकरण हर सरकारी अस्पताल में उपलब्ध करायी जाये. डॉक्टर व हेल्थकेयर वर्कर्स विशेषकर बुजुर्ग डॉक्टर को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. नौकरी पेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की जाये.
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कोरोनाकाल ने हेल्थ सेक्टर के अंदर की कमियों और खासकर इस बात को लेकर अधिक सजग किया है कि देशभर में सरकारी अस्पतालों में अधिक ध्यान देने की जरुरत है. कोरोना जांच से लेकर गंभीर रोगों के इलाज व दवाइयों को लेकर अधिक सुविधा अब अस्पतालों की बड़ी जरुरत बनी हुई है.
बता दें कि नेशनल हेल्थ अकाउंट्स एस्टिमेट्स में इस बात का खुलासा हुआ था कि सरकार ने 2017-18 में कुल जीडीपी का 1.35 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर खर्च किया है. वहीं बात अगर 2013-14 के आंकड़े पर करें तो यह तब 1.15 फीसदी था.
गौरतलब है कि 1 फरवरी को संसद में वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी. नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा इसबार हेल्थ सेक्टर को क्या सौगात मिलेगा, इस ओर सबकी नजरें रहेगी. लोकसभा चुनाव 2024 के करीब आने के बाद अब उससे पहले पेश हो रहे इस बजट से सबकी उम्मीदें बनी हुई है.