बिहार के 10 से ज्यादा बिल्डर इडी की रडार पर, कुछ की जब्त हो सकती है संपत्ति
इनसे जुड़ी छानबीन अंतिम चरण में चल रही है. इन बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है.
पटना. इडी (प्रवर्तन निदेशालय) की रडार पर राज्य के कई बिल्डरों की अवैध संपत्तियां हैं. वैसे बिल्डरों की संख्या फिलहाल 10 के आसपास है. इनमें वैसे बिल्डर भी शामिल हैं, जिनकी साठगांठ माफिया या कुछ बड़े भ्रष्ट लोक सेवकों के साथ है.
इस फेहरिस्त में वैसे बिल्डर भी शामिल हैं, जिनके व्यवसाय, कंपनी या किसी प्रोजेक्ट में इस तरह के लोगों के निवेश हैं या ब्लैकमनी लगी हुई है. फिलहाल इडी ऐसे सभी बिल्डरों से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से छानबीन करने में जुटा है. जल्द ही इस कड़ी में शामिल कुछ बिल्डरों पर इडी मुकदमा दर्ज कर इनकी अवैध संपत्ति को जब्त कर सकता है. इनसे जुड़ी छानबीन अंतिम चरण में चल रही है. इन बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है.
इनमें कुछ बिल्डरों की अवैध संपत्ति राज्य के बाहर भी मौजूद है, जिनकी जांच भी चल रही है. साथ ही कुछ के तार हवाला कारोबार से भी जुड़े पाये गये हैं. हवाला के माध्यम से इनके करीबी लोगों या इनके खातों में रूट करके पैसे ट्रांसफर होने के भी प्रमाण मिले हैं.
कुछ और संपत्तियों को जब्त करने की चल रही तैयारी
हाल में ईडी ने जाने-माने बिल्डर अनिल कुमार सिंह (मालिक पाटलिपुत्र ग्रुप ऑफ कंपनी) पर मुकदमा दर्ज कर उनकी अवैध संपत्ति जब्त की और उन्हें जेल भी भेजा है. पाटलिपुत्र बिल्डर की पटना, रांची समेत अन्य कई स्थानों पर मौजूद संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है. अभी इनकी कुछ और संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी चल रही है. इससे जुड़ी कार्रवाई भी होने जा रही है. इसमें कुछ बिल्डरों पर रेरा का भी डंडा चल चुका है.
इसके अलावा बिल्डर अनिल सिंह समेत अन्य कुछ अन्य के प्रोजेक्ट में कुछ अधिकारियों के भी निवेश की जानकारी मिली है. इसमें एक पूर्व एसपी भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में पहले ही कार्रवाई कर चुकी है. इस अधिकारी के अलावा ऐसे कुछ एक अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी ईडी अलग से मामला दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है.
हाल के दिनों में बालू के अवैध कारोबार और डीए को लेकर बड़ी संख्या में जिन भ्रष्ट लोकसेवकों के यहां छापेमारी हुई है. उनके कुछ के पास भी कई बिल्डरों के प्रोजेक्ट में निवेश से जुड़े कागजात मिले हैं. इनमें करोड़ों रुपये इन अधिकारियों के लगे हुए हैं. इनकी गहन पड़ताल चल रही है और इस आधार पर समुचित स्कैनिंग के बाद जिन बिल्डरों के नाम सामने आये हैं, उन पर भी कार्रवाई हो सकती है.