पटना में गंगा किनारे बने अवैध मकानों पर पिछले चार दिनों से बुलडोजर चला कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है. कुर्जी मोड़ से एलसीटी घाट तक शुक्रवार को करवाई की गयी. इसमें 50 झोपड़ी और 24 पक्के मकानों को तोड़ा गया. वहीं, अब तक की कार्रवाई में 250 से अधिक झोपड़ी और मकानों को तोड़ा जा चुका है. इसमें पहले दिन दीघा घाट के किनारे 100 से अधिक मकानें तोड़ी गई थी. वहीं 93 नंबर गेट पर 20 मकान और 20 झोपड़ी, बांस कोठी के पास 40 झोपड़ी और 10 मकानों को तोड़ा गया है.
जानकारी के अनुसार अभी यह अभियान लंबा चलेगा और कलेक्ट्रेट घाट तक जारी रहेगा. इस बीच की सभी मकानों को तोड़ा जाना है. बता दें कि शिक्षक नियुक्ति के कारण शनिवार को सुरक्षा बल नहीं होने पर करवाई बंद रह सकती है. इसके बाद अब सोमवार से ही करवाई शुरू होने की उम्मीद है.
दीघा घाट के पास अतिक्रमण हटाओ अभियान में करीब 100 घरों को तोड़ा गया है. इसमें मंजू देवी का घर भी तोड़ दिया गया. मंजू देवी ने कहा की 2013 से वह यहां पूरे परिवार के साथ रह रही थी. नगर निगम को होल्डिंग टैक्स भी दे रहे थे. उसके बाद भी इस ठंड में बिना नोटिस के घर को तोड़ दिया गया. एक दिन पहले बस बोला दिया गया था कि सब सामान निकाल लीजिए और अगले दिन सुबह बुलडोजर से घर तोड़ दिया गया. 10 साल से यहां रह रहे थे, अब तो पक्का मकान भी बना लिया था. एक दिन में घर से बेघर हो गए है और झोपड़ी में रहने को मजबूर है. जिला प्रशासन को तोड़ना ही था तो ठंड के बाद तोड़ देते.
गेट संख्या 93 के पास राजू नाम के व्यक्ति का भी घर तोड़ दिया गया. राजू ने कहा कि एक साल पहले ही घर को बनवाए थे. अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगाकर एक घर बनाए और उसे एक दिन में तोड़ दिया गया. उनके पूर्वज यहां रहा करते थे, गंगा के कटाव के कारण घर डूब गया था. जब गंगा दिशा बदली और दूर गयी तब यहां आये थे. अब किसको मालूम था कि एक दिन में सब बरबाद हो जायेगा. इस ठंड में पूरे परिवार के साथ कहां जाए क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.
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