हाइकोर्ट के आदेश पर पटना में सात घंटे चला बुलडोजर,जक्कनपुर इलाके में 32 खटाल ध्वस्त
पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल व कंकड़बाग अंचल की ओर से रविवार को संयुक्त रूप से चले विशेष अभियान में सरकारी व निजी जमीन पर बनाये गये 32 खटालों को ध्वस्त किया गया. इस दौरान नूतन राजधानी अंचल में दो गायें पकड़ी गयीं.
पटना. पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल व कंकड़बाग अंचल की ओर से रविवार को संयुक्त रूप से चले विशेष अभियान में सरकारी व निजी जमीन पर बनाये गये 32 खटालों को ध्वस्त किया गया. इस दौरान नूतन राजधानी अंचल में दो गायें पकड़ी गयीं. हाइकोर्ट के आदेश पर नगर निगम की ओर से विशेष अभियान चला कर जक्कनपुर थाने के मीठापुर, पुरंदरपुर, जक्कनपुर सहित आसपास इलाके में खटालों को तोड़ा गया.
20 पुरुष सिपाही और 10 महिला सिपाही की प्रतिनियुक्ति
इस दौरान अफरातफरी मची रही. खटाल संचालक ध्वस्त किये गये खटाल के सामानों को जमा करने में व्यस्त रहे. इस कार्रवाई में नगर निगम की टास्क फोर्स के अलावा जिला प्रशासन की ओर से भी मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात किये गये थे. इसमें 20 पुरुष सिपाही और 10 महिला सिपाही की प्रतिनियुक्ति हुई थी.
नहीं हुआ कुछ खास विरोध
खटाल को हटाने के लिए सात घंटे अभियान चला. सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक जक्कनपुर थाने के अलग-अलग इलाके में अभियान चला कर खटाल हटाये गये. पिछले तीन दिनों से इन इलाके में खटाल हटाने के लिए माइक से प्रचार किया जा रहा था.
ये अधिकारी रहे मौजूद
इसलिए कार्रवाई के दौरान खटाल संचालकों की ओर से खास विरोध नहीं हुआ. खटाल हटाने के दौरान मजिस्ट्रेट के अलावा नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन, कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह, राजस्व पदाधिकारी, अतिक्रमण प्रभारी मौजूद थे.
जिले में बाढ़ से निबटने के लिए तैयारी तेज 209 आश्रय स्थल बने
पटना. जिले में संभावित बाढ़ से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं. बाढ़ के खतरे के मद्देनजर जिले में 209 आश्रय स्थल बनाये गये हैं. 10 सरकारी व 256 निजी नावें, आठ इंफ्लेटेबल मोटरबोट, 26210 पॉलीथीन शीट्स, 1135 टेंट, तीन महाजाल, 523 लाइफ जैकेट, छह इंफ्लेटेबल लाइटिंग सिस्टम, 164 प्रशिक्षित गोताखोरों, 188 खोज बचाव व राहत दलों को तैयार रखा गया है.
11 बाढ़ राहत कोषांगों का गठन
जिले में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति-समूहों की पहचान कर ली गयी है. राहत एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ की एक कंपनी और आठ बोट गायघाट, पटना सिटी में व एनडीआरएफ की एक कंपनी व छह बोट दीदारगंज बाजार समिति में सुरक्षित रखा गया है. जिले में आपदा प्रबंधन के लिए 11 बाढ़ राहत कोषांगों का गठन किया गया है.