ओवर स्पीड चलाने वाले बसों एवं कैब का ई चालान कर जुर्माना वसूला जायेगा. परिवहन विभाग सचिव संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर पिछले एक माह में जितनी बसों द्वारा स्पीड लिमिट का उल्लंघन किया है उसका जिला बार विवरण तैयार किया गया है. इन सभी बस मालिकों को चालान निर्गत किया जा रहा है और तथा लगातार चार बार इसका उल्लंघन होने पर परमिट रद्द करने की भी कार्रवाई की जाएगी.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से प्रत्येक कमर्शियल व्हीकल की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है कि कौन सा वाहन कहां ओवर स्पीडिंग कर रहा है तथा इसका सैटेलाइट बेस्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से साइंटिफिक एविडेंस क्रिएट हो जाता है. जिसमें कितनी जगह कितनी बार बस, कैब के ड्राइवर ने ओवर स्पीडिंग की, इसका ब्योरा इंटरनेट के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम में आ जाता है तथा वहां परिवहन विभाग की टीम इसकी लगातार मॉनिटरिंग करती है.
परिवहन सचिव ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीडिंग है, तथा ओवर स्पीडिंग के कारण न केवल वह बस और गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है, बल्कि जो दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन या छोटी गाड़ियां हाईवे पर चलती है उन्हें भी खतरा रहता है. परंतु अब तक इसकी मॉनीटरिंग के लिए साइंटिफिक व्यवस्था नहीं रहने के कारण गाड़ियों को पकड़ना मुश्किल होता था तथा ड्राइवर कोई ना कोई बहाना बनाकर बचने का प्रयास करते थे.
सार्वजनिक परिवहन के वाहनों यथा बस और कैब की ओवर स्पीडिंग पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय स्थित वीएलटीडी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए नजर रखी जा रही है. स्पीड लिमिट संबंधित प्रचार प्रसार के लिए बस संचालकों के साथ करें बैठक सभी प्रकार की सड़कों और वाहनों के प्रकार के लिए स्पीड लिमिट निर्धारित है. इसका प्रचार प्रसार करने के लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि बस मालिक के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दें.
राज्य परिवहन आयुक्त डॉ. आशिमा जैन ने बताया कि परिवहन विभाग मुख्यालय स्थित वीएलटीडी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार एक अगस्त से 21 सितंबर तक सभी जिलों में स्पीड लीमिट का उल्लंघन करते हुए कुल 2311 बस और कैब पाये गये हैं. इसमें ओवर स्पीडिंग मामले में 1674 बस है, जो 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलाई जा रही थी. वहीं 637 कैब है, जो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिक रफ्तार से चलाया जा रहा था.
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर ओवर स्पीडिंग उल्लंघन मामले में सार्वजनिक परिवहन के वाहनों यथा बस और कैब के मालिकों/संचालकों से जुर्माना वसूला जायेगा. इसके लिए सभी जिलों के डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को निर्देश दिया गया है.
निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाना एवं उसे सक्रिय रखना अनिवार्य किया गया है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय में कामांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के लोकेशन की लाइव ट्रैकिंग की जा रही है.