छपरा में बस ने मेला देखने जा रहे चार को कुचला, एक बच्ची की मौत, घायल पीएमसीएच रेफर

कदना बाजार के कोल्ड स्टोरेज के बाद तेज रफ्तार बस ने मेला देखने जा रहे तीन बच्चियों और एक युवक को ठोकर मार दी. इस घटना में रामपुर खाकी बाबा मठिया निवासी मिथिलेश राय की पुत्री अंजली कुमारी (13 वर्ष) की मौत हो गयी, वहीं तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये. इनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2022 9:21 PM

गड़खा. कदना बाजार के कोल्ड स्टोरेज के बाद तेज रफ्तार बस ने मेला देखने जा रहे तीन बच्चियों और एक युवक को ठोकर मार दी. इस घटना में रामपुर खाकी बाबा मठिया निवासी मिथिलेश राय की पुत्री अंजली कुमारी (13 वर्ष) की मौत हो गयी, वहीं तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये. इनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है.

डॉक्टरों ने सभी को पटना रेफर कर दिया

जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात घर से खाना खाकर बच्चे बगल के मीठेपुर में लगे मेला देखने जा रहे थे. इसी बीच मानपुर बसंत की ओर आ रही एक बस ने बच्चों को चपेट में ले लिया. घटना के बाद परिजन व स्थानीय लोग सभी को गड़खा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये. वहां डॉक्टरों ने सभी को पटना रेफर कर दिया. वहां ले जाने के दौरान रास्ते में ही अंजली की मौत हो गयी, जबकि उसकी छोटी बहन 11 वर्षीय अनु कुमारी, गांव के ही मुन्ना राय की 11 वर्षीय पुत्री नीशा कुमारी व वीरेंद्र राय के 18 वर्षीय पुत्र सुनील घायल हो गये.

मुहल्लेवालों के साथ बनायी थी मेला देखने की प्लानिंग

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ही पास मिठेपुर में मेला लगा हुआ है. मेले में रात 11 बजे तक लोगों की आवाजाही रहती है. मुहल्ले के कुछ लोग रात नौ बजे के बाद मेला जाने के लिए तैयार हुए, तो तीनों बच्चियां और युवक भी उनके साथ हो लिये. जैसे ही वे गड़खा मुख्य मार्ग पर पहुंचे बस ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. मुहल्ले के लोग भागते हुए वहां पहुंचे, तब तक बस लेकर चालक फरार हो गया था.

चालक रफ्तार पर कंट्रोल नहीं रखते

घटना के बाद मृतका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उसकी मां सीमा देवी बेसुध पड़ी हुई है. घटना के बाद गड़खा थाना की पुलिस ने मृत बच्ची के घर पहुंच परिजनों से पूरी जानकारी ली. पुलिस का कहना है कि ठोकर मारने वाली बस की पहचान की जा रही है. इसके बाद कार्रवाई होगी. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय ट्रक व बस चालक रफ्तार पर कंट्रोल नहीं रखते. इससे सड़क किनारे बसे मुहल्लों के लोगों में डर बना रहता है. कई बार मुहल्ले के लोगों ने चंदा कर बैरिकेडिंग भी करायी थी.

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