भागलपुर : पथ परिवहन निगम के भागलपुर, मुंगेर व जमुई डिपो से चलने वाली सरकारी बसों के कमाई पर खरमास व ठंड का ब्रेक लग गया है. स्थिति यह है कि पिछले एक सप्ताह से डीजल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. खरमास होने के कारण पहले से ही कमाई कम हो गयी थी, किसी तरह तेल का खर्च निकल पा रहा था. पथ परिवहन निगम भागलपुर द्वारा पिछले साल पटना के लिए दो नयी बस चलायी गयी थी. लेकिन राजस्व की कमी और तेल का खर्च भी नहीं निकलने के कारण दोनों बस को पूर्णिया के लिए चलाया जाने लगा. कम सीट वाली एक बस को पटना के लिए चलाया गया.
भागलपुर पथ परिवहन निगम के अंतर्गत मुंगेर और जमुई डिपो भी आता है. भागलपुर बस डिपो से पूर्णिया, पटना, तारापुर आदि जगहों के लिए बस का परिचालन होता है. वहीं मुंगेर बस डिपो से पटना, पूर्णिया सहित कई जगहों के लिए बस का परिचालन होता है. जमुई डिपो से मुंगेर, पटना सहित कई जगहों के लिए परिचालन होता है. लेकिन तीनों डिपो से बसों की कमाई पर खरमास और ठंड का ब्रेक लग गया है.
पथ परिवहन निगम के भागलपुर, मुंगेर व जमुई डिपो से चलने वाली सरकारी बसों के कमाई खरमास व ठंड में कम हो गयी है. पिछले एक सप्ताह से तेल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. खरमास होने के कारण पहले से ही कमाई कम हो गयी थी लेकिन किसी तरह तेल का खर्च निकल पा रहा था- पवन कुमार शॉडिल्य, क्षेत्रीय प्रबंधक, पथ परिवहन निगम भागलपुर
वहीं परिवहन विभाग में भी ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और लर्निंग लाइसेंस के बनने पर भी 19 नवंबर 2022 से ही ब्रेक लगा हुआ है. जिला परिवहन पदाधिकारी के तबादले के बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारी के प्रभारी डीटीओ बने. उन्हें विभाग से लॉगिंग नहीं मिलने के कारण ये सभी काम बंद हैं.
जब तक उनके नाम की लाॅगिंग विभाग से नहीं आ जाता है, तब तक ये काम बंद ही रहेंगे. लॉगिंग नहीं आने से 19 नवंबर 2022 से ड्राइविंग लाइसेंस के लगभग चार हजार आवेदन लंबित पड़े हैं. वहीं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन जिसे आरसी कहा जाता है उसके दो हजार से अधिक आवेदन और अस्थायी ड्राइविंग लाइसेंस जिसे लर्निंग लाइसेंस भी कहा जाता है उसके लगभग पांच हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं.