बिहार के 5467 रूट पर पीपीपी मोड से बसें चलायी जायेंगी. परिवहन विभाग रूट को चिह्नित कर अंतर क्षेत्रीय परमिट जारी करेगा. इससे राज्य व राज्य के बाहर के यात्रियों को भी आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और लोग आराम से प्रदेश के किसी भी सुदूर क्षेत्र से कहीं का भी सफर कर पायेंगे. परिवहन विभाग ने अगले एक वर्ष में इन सभी मार्गों पर बसों का परिचालन करने का निर्णय लिया है.
विभाग द्वारा दूसरे राज्यों के साथ भी अंतरराज्यीय परिवहन समझौता किया गया है. इसमें झारखंड के 200 मार्ग, छत्तीसगढ़ के 28 मार्ग, ओड़िशा के 16, पश्चिम बंगाल के 25 और यूपी के 24 मार्गों पर अंतरराज्यीय परिवहन का समझौता किया गया है. साथ ही, बिहार से दिल्ली के साथ अंतरराज्यीय मार्गों पर परिवहन समझौता की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही बिहार के विभिन्न बड़े जिलों से दिल्ली के लिए बसों का परिचालन होगा .
राज्य में इन सभी चिह्नित मार्गों पर दिये जाने वाले परमिट के बाद बसों एवं उसके परिचालन पर परिवहन निगम का नियंत्रण रहेगा. बस कहां से कहां तक जायेगी और भाड़ा क्या होगा, इस पर भी निगम का नियंत्रण रहेगा. निगम लोगों की सुविधा को देखते हुए बस के किराये और दूरी का निर्धारण करेगा.
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अब जब बसों का परिचालन होगा तो बस स्टॉप की भी जरूरत होगी. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में बसों के ठहराव के लिए बस स्टॉप भी बनाया जा रहा है. जहां से यात्रियों को चढ़ने- उतरने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी. बस स्टॉप पर दिव्यांगजनों के लिए रैंप भी बनेगा, जिससे उन्हें बस पर चढ़ने- उतरने में सहूलियत होगी. इसके साथ ही कई अन्य तरह की सुविधा भी उपलब्ध होगी.