मलमास मेला: पटना से राजगीर के लिए शुरू की गई तीन नयी बसें, अबतक 9 लाख से अधिक लोगों ने कुंड में किया स्नान

राजकीय राजगीर मलमास मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम ने तीन नई बसें चलाने का फैसला किया है. इसके साथ ही अब मलमास मेला में पहुंचने के लिए नौ बसों का परिचालन होगा. जानिए कब कौन सी बस खुलेगी...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2023 10:35 PM

ऐतिहासिक मगध साम्राज्य की राजधानी राजगीर में लगे मलमास मेले के मद्देनजर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने पटना से राजगीर के लिए तीन नयी बसों का परिचालन शुरू किया है. ये बसें मलमास मेला के समाप्त होने यानि 17 अगस्त तक चलेंगी. पटना से राजगीर के लिए बीएसआरटीसी (बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम) की ओर से पहले छह बसें चलायी जा रही थीं. लेकिन, मलमास मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उनकी सुविधा के लिए अब नौ बसें चल रही हैं.

पटना के बांकीपुर बस स्टैंड से खुलती हैं ये बसें

राजगीर के लिए चलने वाली ये बसें पटना के बांकीपुर बस स्टैंड से राजगीर सरकारी बस डिपो तक चलती हैं. इनमें चार इलेक्ट्रिक, चार सीएनजी और एक सेमी डीलक्स बस है. बांकीपुर बस डिपो से सुबह 5:25 से शाम सवा सात बजे तक ये बसें राजगीर के लिए खुलती हैं. पटना से राजगीर के लिए इलेक्ट्रिक बस का किराया 193 रुपये और सीएनजी बस व सेमी डीलक्स बस का किराया 150 रुपये है.

पटना से राजगीर के लिए बसों के खुलने का समय

  • समय- बसें

  • सुबह 5 : 25 – सीएनजी बस

  • सुबह 7 : 20 – इलेक्ट्रिक बस

  • सुबह 8 : 25 – इलेक्ट्रिक बस

  • सुबह 9 : 15 – इलेक्ट्रिक बस

  • सुबह 10 : 10 – सीएनजी

  • दोपहर 12 : 20 – सीएनजी

  • दोपहर 2 : 10 – सीएनजी

  • शाम 4 : 10 – डीलक्स बस

  • शाम 7 : 15 – इलेक्ट्रिक बस

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मलमास मेला क्षेत्र में 17 जगहों पर सस्ती रोटी के स्टॉल की व्यवस्था

राजकीय राजगीर मलमास मेला में इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई सराहनीय व्यवस्थाएं की गई हैं. मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालु इन सुविधाओं का उपयोग कर जिला प्रशासन के इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं. मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में 17 जगहों पर सस्ती रोटी के स्टॉल की व्यवस्था की गई है. इन स्टॉलों पर 30 प्रति प्लेट की दर से श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इन स्टॉलों का संचालन जीविका की दीदियों द्वारा की जा रही है. सस्ती रोटी के स्टॉल पर श्रद्धालु कम कीमत पर भोजन का लुफ्त उठा रहे हैं.

24 घंटे साफ-सफाई की व्यवस्था

मलमास मेला में 24 घंटे साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है. अलग-अलग पालियो में सफाई कर्मियों एवं सफाई पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. मेला में श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क आवासन की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालु के ठहरने के लिए सभी सुविधाओं से युक्त चार टेंट सिटी एवं 10 बड़े यात्री शेड बनाए गए हैं. इन टेंट सिटी व यात्री शेडों में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं.

जगह-जगह कूलर एवं मिस्ट फैन लगाये गये

जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मलमास मेला में ब्रह्मकुंड परिसर में प्रवेश के लिए कतार में लगने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए जगह-जगह कूलर एवं मिस्ट फैन लगाये गये हैं. पेयजल के लिए जगह-जगह पानी के जार की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि मलमास मेला में भीड़ की अधिकता के कारण कभी-कभी कभी बच्चे व बुजुर्ग अपने परिजनों से बिछड़ जा रहे हैं. निकटतम नियंत्रण कक्ष के माध्यम से अनाउंसमेंट एवं दूसरे नियंत्रण कक्ष के साथ समन्वय स्थापित कर बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया जा रहा है. 25 जुलाई तक 1247 बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया है.

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श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था

मलमास मेला में श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था की गई है. मेला क्षेत्र में 4 अस्थाई अस्पताल एवं 11 मेडिकल कैंप बनाए गए हैं. इनमें 40 चिकित्सकों एवं 135 स्वास्थ्य कर्मियों को अलग-अलग पारियों में प्रतिनियुक्त किया गया है. मलमास मेला में 160 आपदा मित्रों की सेवा भीड़ प्रबंधन एवं श्रद्धालुओं की सहायता के लिए ली जा रही है. इन्हें अलग-अलग पालियों में प्रतिनियुक्त किया गया है.

अब तक मलमास मेला की उपलब्धि

  • 25 जुलाई तक ब्रह्मकुंड सहित अन्य कुंडों में स्नान करने वालों की संख्या – लगभग 9.02 लाख

  • 25 जुलाई तक मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों की संख्या – लगभग 30.75 लाख

  • 25 जुलाई तक मलमास मेला में बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया – 1247

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