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पटना में ट्रेड लाइसेंस को लेकर कारोबारी इच्छुक नहीं, 10,000 से अधिक ट्रेडर, पर 248 ने ही किया आवेदन

शहर में 10 हजार से अधिक छोटे-बड़े ट्रेडर हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 248 ने ट्रेड लाइसेंस लिया है. बीते वित्तीय वर्ष से पटना नगर निगम ने शहर में व्यापार करने वाले व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस लेने का प्रावधान लागू किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 15, 2022 8:33 AM

अनुपम कुमार. पटना. शहर में 10 हजार से अधिक छोटे-बड़े ट्रेडर हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 248 ने ट्रेड लाइसेंस लिया है. बीते वित्तीय वर्ष से पटना नगर निगम ने शहर में व्यापार करने वाले व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस लेने का प्रावधान लागू किया है. तब से अब तक लगभग सवा साल बीत गया, लेकिन ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यापारियों की संख्या केवल 569 रही.

केवल 248 लोगों को लाइसेंस जारी किये गये

इनमें भी 321 आवेदन जरूरी दस्तावेज नहीं होने या शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण अस्वीकृत कर दिये गये और केवल 248 लोगों को लाइसेंस जारी किये गये. इनमें बीते वित्तीय वर्ष में आवेदन करने वालों की संख्या 503 थी, जिनमें 185 लोगों को ट्रेड लाइसेंस जारी किये गये. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक आवेदकों की संख्या 66 रही, जिसमें 63 को ट्रेड लाइसेंस दिये गये.

वित्तीय वर्ष आवेदक लाइसेंस

2021-22 503 185

2022-23 66 63

(13 अगस्त तक)

व्यावसायिक शुल्क रु/ वर्ष 100 वर्गफुट से कम 300

100-500 वर्गफुट ~500

500-1000 वर्गफुट ~1500

1000 वर्गफुट से ऊपर ~2500

रेजिडेंसियल में कॉमर्शियल एक्टिविटी

आधे से अधिक आवेदकों ने आवेदन के साथ रेजिडेंसियल होल्डिंग टैक्स का प्रमाणपत्र दिया था, जबकि ट्रेडिंग लाइसेंस के लिए काॅमर्शियल होल्डिंग टैक्स देना पड़ता है. इसलिए आवेदन अस्वीकृत हो गये.

एक वर्ष से अधिक के लाइसेंस पर शुल्क में 10% की छूट

अलग-अलग वर्गफुट क्षेत्र की दुकानों व व्यावसायिक क्षेत्राें के लिए 300 से 2500 रुपये सालाना तक की दर से ट्रेड लाइसेंस शुल्क लिया जाता है. एक वर्ष से अधिक का लाइसेंस लेने पर शुल्क में 10% की छूट मिलती है.

लोन मिलने और टेंडर में होती है सुविधा

ट्रेड लाइसेंस लेने से व्यापारियों को बैंक व वित्तीय संस्थानों से लोन मिलने में सुविधा होती है. टेंडर डालने के लिए भी इसकी जरूरत पड़ती है. बिहार म्युनिसिपल एक्ट में ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने वाले व्यापारियों की दुकानों को सील करने का प्रावधान भी है. पर, बहुत ही कम व्यापारियों के लाइसेंस लेने से अभी इसे शिथिल रखा गया है.

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