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प्रसूताओं की अनदेखी बरदाश्त नहीं

सख्ती. मंत्री संतोष निराला से महिलाओं ने की शिकायत बक्सर : नगर भवन में सोमवार को हमारा स्वास्थ्य हमारी आवाज के तहत सेमिनार का आयोजन हुआ. इस सेमिनार के माध्यम से मातृ प्रसूति व प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चा हुई. सेमिनार में महिलाओं ने स्वास्थ्य सुविधाओं सहित इलाज के दौरान होनेवाली परेशानियों पर सवाल […]

सख्ती. मंत्री संतोष निराला से महिलाओं ने की शिकायत

बक्सर : नगर भवन में सोमवार को हमारा स्वास्थ्य हमारी आवाज के तहत सेमिनार का आयोजन हुआ. इस सेमिनार के माध्यम से मातृ प्रसूति व प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चा हुई. सेमिनार में महिलाओं ने स्वास्थ्य सुविधाओं सहित इलाज के दौरान होनेवाली परेशानियों पर सवाल उठाया.
साथ ही मांग की कि इलाज के दौरान डॉक्टरों की ओर से हो रही लापरवाही को रोका जाये. साथ ही सरकार की ओर से मिलनेवाली सुविधाओं को भी पूरा लाभ गर्भवती महिलाएं उठा सकें. इस दौरान महिलाओं ने एक ज्ञापन मंत्री काे भी सौंपा, ताकि इस पर त्वरित कार्रवाई की हो सके. वहीं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष निराला ने आश्वासन देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को परेशान करनेवाले कर्मियों व डॉक्टरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
सेमिनार में उठे कई मुद्दे : सेमिनार के दौरान मुद्दा उठा कि जब भी कोई गर्भवती महिला सदर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज कराने के लिए जाती है, तो उसके साथ सम्मान के साथ व्यवहार नहीं किया जाता है. उसे अस्पताल में कार्यरत कर्मी व डॉक्टर हीन भावना से देखते हैं. जब भी महिलाएं गर्भाधान से संबंधित अपनी बात डॉक्टरों से करती हैं, तो पुरुष कर्मियों का आना-जाना लगा रहता है, जिससे अपनी बात डॉक्टरों से गर्भवती महिलाएं नहीं कर पाती हैं. ऐसे में अपनी निजी बात बंद कमरे में करने की व्यवस्था की जाएं. इसके साथ ही महिलाओं ने यह भी बात उठाया कि जब भी इलाज के लिए पीएचसी या उपकेंद्र में जाती हैं, तो अक्सर ताला लटका रहता है. प्रसव के दौरान बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं. परिजनों को जानबुझकर परेशान किया जाता है.
नहीं मिलती एंबुलेंस की सेवा : सेमिनार के दौरान यह भी जमकर उठा कि प्रसव पीड़िताओं के परिजन जब भी एंबुलेंस के लिए फोन करते हैं, तो कभी भी सेवा नहीं मिल पाती है. परिजन किसी तरह से पीड़ित महिला को अस्पताल पहुंचाते हैं. साथ ही यदि प्रसव के दौरान किसी तरह की परेशानी आ जाती है, तब भी एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाती है. यदि मिलती भी है, तो उसके एवज में अधिक राशि वसूली जाती है. जबकि सरकार की ओर से एंबुलेंस सेवा प्रदान करने का आदेश दिया गया है. इस बात की शिकायत जब भी अस्पताल प्रबंधन से की जाती है, तो कोई कार्रवाई नहीं होती है. इसके साथ ही सारा टेस्ट बाहर से कराना पड़ता है, जिससे अधिक कीमत चुकानी पड़ती है. साथ ही अन्य सरकारी सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं.
मंत्री ने दिया आश्वासन : सेमिनार के दौरान महिला प्रतिनिधियों ने एक मांग पत्र मंत्री संतोष निराला को सौंपा. इस दौरान मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को परेशान व अनदेखी करनेवाले डॉक्टरों व कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. साथ सरकार की ओर से मिलनेवाली सभी सुविधाओं को दिलाने का प्रयास किया जायेगा. इस मौके पर सदर एसडीओ गौतम कुमार, प्रकाश रंजन, दीप चंद्र, अशोक भारती, अवधेश पाठक,पुष्पेंद्र कुमार, मंजू देवी, आशा देवी, मानती देवी सहित अन्य मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता चंदा देवी व संचालन धर्मराज राम ने किया.

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