चार कमरों में पढ़ते हैं 577 छात्र-छात्राएं

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं बक्सर : नगर के मठिया मध्य विद्यालय में महज चार कमरों में 577 छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं. 10 फुट लंबे और 12 फुट चौड़े एक कमरे में करीब 140 बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है. दो कमरों में न खिड़की है और न रोशनदान. ऐसे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 12:18 PM
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं
बक्सर : नगर के मठिया मध्य विद्यालय में महज चार कमरों में 577 छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं. 10 फुट लंबे और 12 फुट चौड़े एक कमरे में करीब 140 बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है. दो कमरों में न खिड़की है और न रोशनदान. ऐसे में पढ़ाई के दौरान बच्चों का दम घुटने लगता है. आये दिन बच्चे पढ़ाई के दौरान बीमार होते हैं. विद्यालय में बेंच, डेस्क का अभाव है. मजबूरन छात्र फर्श पर बैठ कर अपना भविष्य संवारने का प्रयास करते हैं. मठिया मध्य विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है. साथ ही विद्यालय में खेल मैदान का अभाव है. मध्याह्न भोजन के बाद बच्चे विद्यालय के कमरों में ही बैठे रहते हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास अवरुद्ध हो रहा है.
महज चार कमरों में होती है पढ़ाई
नगर के मठिया स्थित अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में चार कमरें मौजूद हैं. इन चार कमरों में पहली से आठवीं तक के बच्चे भेड़-बकरी की तरह बैठने को मजबूर हैं. कमरों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं विद्यालय के बरामदे में फर्श पर बैठकर शिक्षा पाते हैं. सरकार के निर्देशानुसार बहुवर्गीय कक्षाओं पर पूरी तरह से रोक है, लेकिन जगह के अभाव में कक्षा एक, दो एवं तीन के बच्चों की पढ़ाई एक साथ बरामदे में कक्षा सात एवं आठ की एक साथ एक कमरे में तथा चार एवं छह की अलग-अलग कमरों में कक्षाएं संचालित होती हैं. कभी बरामदे में गंदगी होने के कारण कक्षा संचालन में परेशानी होती है.
छात्र-छात्राओं को बैठने में होती है परेशानी : नगर के बीचों बीच संचालित विद्यालय में कुल 577 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, जिसमें छात्राओं की संख्या 397 एवं छात्रों की संख्या 180 है. छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण विद्यालय में पढ़ने से लेकर प्रार्थना तक के लिए जगह कम पड़ जाती है. इससे भी ज्यादा समस्या मध्याह्न भोजन के दौरान होती है. बच्चे बच्चियों को बैठने के लिए जगह नहीं रह जाती है. विद्यालय में नामांकित 577 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए 13 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है, जिसमें दो शिक्षक दो वर्षीय ट्रेनिंग के लिए चले गये हैं. इस तरह नामांकित छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की वर्तमान में कमी है.
पूर्व में दो शिफ्टों में चलता था विद्यालय : पहले विद्यालय दो शिफ्टों में चलता था. प्रथम शिफ्ट में सुबह छह बजे से 12 बजे तक एवं दूसरा शिफ्ट 12 बजे से पांच बजे तक संचालित होता था. इससे शैक्षणिक व्यवस्था के संचालन में समस्या नहीं होती थी. हालांकि अब विभाग के निर्देश पर विद्यालय एक ही शिफ्ट में सुबह 9 बजे से शाम चार बजे तक संचालित हो रहा है.

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