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धूम-2 का ”आर्यन” बना ”नसीम”, चलती ट्रेन के पार्सल से मिनटों में सामान करता था गायब

बक्सर : धूम-2 में ‘आर्यन’ नाम के चोर का किरदार रितिक रोशन ने पर्दे पर बखूबी उतारा है. चलती ट्रेन के बोगी में सवार होना, सेफ को काटना, चोरी करना और उड़न छू हो जाना… फिल्म में ‘आर्यन’ की खासियत दिखायी गयी थी. कुछ इसी फिल्मी अंदाज में चोरी को अंजाम देते हुए ‘नसीम’ को […]

बक्सर : धूम-2 में ‘आर्यन’ नाम के चोर का किरदार रितिक रोशन ने पर्दे पर बखूबी उतारा है. चलती ट्रेन के बोगी में सवार होना, सेफ को काटना, चोरी करना और उड़न छू हो जाना… फिल्म में ‘आर्यन’ की खासियत दिखायी गयी थी. कुछ इसी फिल्मी अंदाज में चोरी को अंजाम देते हुए ‘नसीम’ को एस्कॉर्ट टीम ने मौके पर ही धर दबोचा और उसे दानापुर ले जाकर पूछताछ कर रही है.

छह मिनट में ही लूट ली पार्सल बोगी

ट्रेन लूटकांड के मास्टरमाइंड व नसीम के साथी फिरोज के इशारे पर मुगलसराय में पुराने प्लान को बदलते हुए नसीम व उसके साथी जोगबनी एक्सप्रेस में सवार हो गये. बक्सर स्टेशन के पार करने के बाद टुड़ीगंज स्टेशन के पास सुबह करीब छह बजे ट्रेन को चेनपुलिंग कर रोक दिया. इस दौरान ट्रेन छह मिनट तक रुकी रही. इतने ही देर में गैंग के सभी सदस्यों ने जैक लगाकर ट्रेन के एसएलआर बोगी को काट कर पार्सल बोगी में रखे सामान ट्रैक पर गिरा दिये. इसके बाद सभी लुटेरे ट्रेन से उतर कर फरक्का एक्सप्रेस से आरा पहुंचे. फिर रिजर्व गाड़ी से सासाराम, फिर वहां से मुगलसराय पहुंचे.

गोरखनाथ राम बने ‘जय दीक्षित’

डकैती की सूचना दानापुर कंट्रोल से मिलने पर गोरखनाथ राम मौके पर पहुंचे. चोर का पीछा करते हुए उन्होंने उस पिकअप वैन के चालक को धर दबोचा, जिसने डकैतों को सासाराम पहुंचाया था. पुलिस ने पिकअप वैन चालक पंचू यादव की निशानदेही पर सासाराम के टाउन थाना स्थित खिलनगंज मुहल्ले में छापेमारी कर गिरोह के सदस्यों को धर दबोचा.

मात्र 16 वर्ष का है मास्टरमाइंड फिरोज

अंतरराज्यीय ट्रेन लूट गिरोह का मास्टरमाइंड फिरोज की उम्र मात्र 16 वर्ष है. छोटी उम्र और शातिर दिमाग से उसने गिरोह खड़ा लिया है. फिरोज का वह दाहिना हाथ नसीम पुलिस की गिरफ्त में है. घटना की मॉनीटरिंग खुद कमांडेंट कर रहे हैं. फिरोज की गिरफ्तारी को लेकर टीम गठित की गयी है. पुलिस की मानें, तो फिरोज के मिले लोकेशन पर पुलिस छापेमारी कर रही है.

पहले भी हुई है घटना

चलती ट्रेन में फिल्मी स्टाइल में डकैती को अंजाम देने की यह घटना पहली नहीं है. इससे पहले भी इसी तरह की घटना चेन्नई में हुई थी. इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पांच करोड़ रुपये चलती ट्रेन से उड़ा लिये गये थे. उस समय चेन्नई डकैती को ‘ग्रेट ट्रेन डकैती’ का नाम दिया गया था. यह अब तक की सबसे बड़ी घटना है. रिजर्व बैंक के 342 करोड़ रुपये लेकर सलेम से चेन्नई जा रही ट्रेन में डकैतों ने 5.78 करोड़ रुपये की डकैती की थी. डकैतों ने कटर से ट्रेन की छत में करीब दो फुट छेद कर सलेम से वर्धाचलम रेलखंड के बीच वारदात को अंजाम दिये थे.

पूछताछ के लिए चेन्नई से आ रही टीम

ट्रेन डकैतों से पूछताछ के लिए चेन्नई से एक टीम आ रही है, जो रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. चेन्नई पुलिस और सीआइडी को आशंका है कि इसी गिरोह के तार चेन्नई ट्रेन डकैती से जुड़े हो सकते हैं.

लोहे की मजबूत दीवार को सेकेंडों में काट देता है उपकरण

चेन्नई में हुई ट्रेन डकैती में गिरोह ने जिस तरह से आयरन सीट को काट कर घटना को अंजाम दिया था, उसी तरह आयरन सीट काटनेवाला उपकरण बरामद हुआ है. यह पूर्ण रूप से बैटरी से संचालित होता है. लोहे की मजबूत दीवार काटने में भी महज कुछ सेकेंड का समय लगता है.

यूपी, बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु पुलिस भी करेगी पूछताछ

पकड़े गये अपराधियों से चेन्नई ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पुलिस भी पूछताछ करेगी. मामले को लेकर अन्य राज्यों की पुलिस भी आरपीएफ कमांडेंट और रेल एसपी से लगातार बातचीत कर रहे हैं.

दानापुर रेल मंडल में हाल ही में हुए थे सक्रिय

दानापुर रेल मंडल में ट्रेन डकैत गिरोह हाल ही में सक्रिय हुआ था. डकैती के महज चार घंटे के अंदर ही आरपीएफ इंस्पेक्टर सूर्यवंश प्रसाद के नेतृत्व में गठित टीम ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए माल को बरामद कर लिया.

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