धार्मिक स्थलों की आड़ में अवैध कब्जा

खेल. सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं की नजर बक्सर : मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थल आस्था के केंद्र होते हैं. मगर जिले के भू-माफियाओं ने आस्था के इन केंद्रों को सड़क पर स्थापित कर दिया है. असल में भगवान की आड़ में कब्जे का गोरखधंधा हो रहा है या फिर दुकानें चल रही हैं. ऐसे लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2017 1:10 AM

खेल. सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं की नजर

बक्सर : मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थल आस्था के केंद्र होते हैं. मगर जिले के भू-माफियाओं ने आस्था के इन केंद्रों को सड़क पर स्थापित कर दिया है. असल में भगवान की आड़ में कब्जे का गोरखधंधा हो रहा है या फिर दुकानें चल रही हैं. ऐसे लोगों के लिए बस इतना कहा जा सकता है कि हे! भगवान इन्हें अक्ल दे. भगवान की जगह सड़क पर नहीं, पवित्र और सुरक्षित स्थान पर होती है.
शहर के बाइपास रोड से लगी सरकारी नहर पर कई जगहों पर धार्मिक स्थल बन गये हैं. आस्था की आड़ में अतिक्रमण हो रहा है. इनके आसपास चाय की दुकानें खुल गयी हैं. यहां पर खैनी बनाने से लेकर सिगरेट व गांजा तक का कारोबार फल फूल रहा है. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का खेल शुरू कर बाद में उसे विवादित करार दिलवा देते हैं. कोर्ट में केस कर उसमें मनमाफिक निर्माण शुरू कर दिया जाता है.
आश्रम व मंदिर की आड़ में अतिक्रमण : गोपालनगर चकिया मार्ग की बात करें, तो बाल गृह जाने वाले रास्ते पर मेन सड़क पर ही मंदिर बनाया गया है. इसकी आड़ में सब्जी की दुकान चल रही है और आसपास भी कब्जा किया गया है. इस इलाके की सरकारी जमीन को बेचने के लिए लोगों से करोड़ों रुपये ले लिये गये हैं. इसकी डीड तैयार करने में अफसरों को भी चढ़ावा दिया गया है. इसी सड़क पर थोड़ा आगे बढ़ें, तो संत रविदास का आश्रम व एक मंदिर भी सरकारी जमीन पर बनाया गया है. इससे सड़क संकरी हो गयी है. सरकारी जमीन पर बिहार सरकार का कब्जा दिखाने के लिए प्रशासन ने सामुदायिक भवन का निर्माण कराया.
पहले मंदिर, फिर दुकान बनाने का होता है खेल: खुले स्थानों पर बने धर्म स्थल भी अकसर संचालकों और पुजारी परिवार के विस्तार के ही साधन बनते हैं. ये लोग जनता से बटोरे धन से कमरे आदि बनवा कर न सिर्फ अपने पूरे कुनबे को इन में बसा लेते हैं व मुफ्त का चढ़ावा भी खाते हैं, बल्कि दुकानें बनवा कर उसका किराया भी वसूल करते हैं. बाइपास रोड स्थित आदर्श शिशु मंदिर के पास भी अतिक्रमण वैधता का रूप ले रहा है.
ऐसे चलता है अतिक्रमण का खेल
बक्सर शहर में तो जहां जगह की काफी कीमत है, मंदिर मसजिद बना कर जमीन हथियाने वालों के गिरोह सक्रिय हैं. और यह एक बाकायदा धंधा बन चुका था. शहर में जहां कहीं भी सार्वजनिक जमीन खाली पड़ी होगी या व्यावसायिक स्थलों पर सड़कों के किनारे फालतू जगह होगी है, इन लोगों की गिद्ध दृष्टि में आ जायेगी. यह बात केवल हिंदुओं के मंदिरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कमोबेश सभी धर्म वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं का नाजायज फायदा उठाते रहे हैं. रास्तों और गोल चक्करों पर कई मसजिद और पीर फकीरों की मजारें भी बनी हुई मिल जायेगी. इसी तरह बाइपास रोड में करीब दो किलोमीटर में एक दर्जन से अधिक नवनिर्मित धर्म स्थल बन गये हैं.
कोर्ट में लंबित है मामला
अतिक्रमण की बात सही है. वहां सरकारी जमीन है. पिछले कई वर्षों से मामला कोर्ट में लंबित है. रैयतों का कहना है कि वह उनकी रैयती जमीन है. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाया जायेगा.
गौतम कुमार, सदर एसडीओ

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