कमरों के अभाव में बरामदे में पढ़ते हैं नौनिहाल
अनदेखी. हाल प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार का, विद्यालय के सामने खुला पड़ा है कुआं डुमरांव : प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार कदम-दर-कदम लगातार प्रयासरत है. बेहतर शिक्षा को लेकर विभाग करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, लेकिन नगर के प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार में नामांकित […]
अनदेखी. हाल प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार का, विद्यालय के सामने खुला पड़ा है कुआं
डुमरांव : प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार कदम-दर-कदम लगातार प्रयासरत है. बेहतर शिक्षा को लेकर विभाग करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, लेकिन नगर के प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार में नामांकित बच्चों के अनुपात में कमरों की संख्या कम होने से इस स्कूल के बच्चे बरामदे में बैठ कर पढ़ाई करने को विवश हैं. वहीं स्कूल के चारों ओर चहारदीवारी नहीं रहने से प्रबंधन हमेशा सशंकित रहता है.
असामाजिक तत्व विद्यालय में लगे चापाकल को किसी-न-किसी प्रकार नष्ट करते रहते हैं. कभी चापाकल का हैंडिल, तो कभी चापाकल के अंदर मिट्टी या अन्य सामग्री डाल देते हैं, जिससे विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चे स्कूल के समीप शिवमंदिर में लगे चापाकल पर जाकर अपनी प्यास बुझाते हैं, तो एमडीएम भी इसी चापाकल के भरोसे बनता है. विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 172 है. प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों की संख्या पांच है. विद्यालय का अपना दो कमरों के अलावे प्रधानाध्यापक कक्ष, रसोईघर भी है.
वहीं, विद्यालय परिसर में दो शौचालय मौजूद हैं. विद्यालय के बाहर मौजूद कुआं खुला रहने से विद्यालय प्रबंधन व बच्चों के अभिभावक हमेशा सशंकित रहते हैं. छात्र-छात्राओं के अभिभावकों द्वारा विद्यालय प्रबंधन से कुआं को ढकने के लिए कहा गया, लेकिन प्रबंधन इसे अनसुना कर देता है. कुआं खुला रहने से किसी भी दिन कोई छात्र उसमें गिर कर जख्मी हो सकता है या फिर कोई बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
विद्यालय में बिजली कनेक्शन होने से बच्चों व गुरुजनों को गरमी से राहत मिलती है. विद्यालय स्वच्छता को लेकर काफी गंभीर है, जिससे परिसर व आसपास सफाई दिखता है.
नहीं चहारदीवारी, असुरक्षित है विद्यालय : यह विद्यालय नगर पंचित काली आश्रम मंदिर पहुंचनेवाले पथ में शहर से बाहर मौजूद है. देर शाम शाम आवागमन बहुत ही कम हो जाता है. मंदिर के आरती और अकालपुर, उड़ियानगंज, छतनवार सहित इस पथ से जुड़े गांवों के लोग आते-जाते हैं. विद्यालय शहर के बाहर मौजूद है. चहारदीवारी नहीं रहने से विद्यालय असुरक्षित है. विद्यालय परिसर में लगे दो चापाकलों को असामाजिक तत्वों ने खराब कर दिया है, जिससे पढ़नेवाले बच्चों को परेशानी होती है.
खराब पड़े चापाकल से परेशान हैं बच्चे
विद्यालय एक नजर में
विद्यालय में नामांकित बच्चों की कुल संख्या: 172
नामांकित छात्रों की संख्या: 118
नामांकित छात्राओं की संख्या: 54
शौचालय: 2 (दोनों खराब पड़े हैं)
शौचालय: 2
बिजली कनेक्शन: है
विद्यालय में पदस्थापित टीचर: प्रधानाध्यापक सहित 5
चहारदीवारी: नहीं
अनुपात में नहीं है कमरा
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 172 है, जिसमें छात्र 118 और छात्राओं की संख्या 54 है. एक से पांच तक पढ़ाई होती है, लेकिन इनके पढ़ने के लिए मात्र दो कमरे मौजूद हैं. दो शिक्षक एक क्लास रूम में पढ़ाते हैं, जिससे पठन-पाठन प्रभावित होती है. बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पाता. ऐसे विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या प्रधानाध्यापक सहित पांच है. कमरों के अभाव के चलते गुरुजन बारी-बारी से क्लास लेते हैं.
विद्यालय की जमीन परती है, अगर कमरों की संख्या बढ़ने पर बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकती है.
घेराबंदी के लिए कहा गया है
कुआं की घेराबंदी कराने व चापाकल मरम्मत कराने को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है. बच्चों के अनुपात में कमरों की संख्या कम होने से पठन-पाठन में परेशानी होती है.
अंजनी कुमार सिंह, विद्यालय प्रधानाध्यापक