घटने लगा गंगा का जल स्तर, कटाव का खतरा बढ़ा

प्रतिघंटे आधा सेंटीमीटर घट रहा गंगा का जल स्तर बक्सर : लगभग दस दिनों तक उफान पर रहने के बाद गंगा का जल स्तर सोमवार सुबह से घटने लगा है. चालू मॉनसून सत्र में यह पहला मौका है, जब उफान के बाद जल स्तर गिरना शुरू हुआ. हालांकि भाद्रपद चल रहा है और यही बाढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 4:01 AM

प्रतिघंटे आधा सेंटीमीटर घट रहा गंगा का जल स्तर

बक्सर : लगभग दस दिनों तक उफान पर रहने के बाद गंगा का जल स्तर सोमवार सुबह से घटने लगा है. चालू मॉनसून सत्र में यह पहला मौका है, जब उफान के बाद जल स्तर गिरना शुरू हुआ. हालांकि भाद्रपद चल रहा है और यही बाढ़ का असली मौसम माना जाता है. इधर जल स्तर घटने से कटाव का खतरा बढ़ गया है. मझरियां गांव में जहां कटावरोधी कार्य हुए हैं, वहां कटाव शुरू है. केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस मौसम में 20 अगस्त को अधिकतम 55.810 मीटर का स्तर छूने के बाद से गंगा का पानी उतरने लगा है.
सोमवार की सुबह दस बजे जल स्तर 55.660 मीटर दर्ज किया गया. वहीं, शाम के वक्त चार बजे 55.630 मीटर दर्ज किया गया. उस वक्त पानी घटने की रफ्तार आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा मापी गयी. बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, गंगा की सहायक नदियों में बढ़ाव के संकेत नहीं हैं, लिहाजा जल स्तर तेजी से गिरेगा. हालांकि गंगा के घटते जल स्तर के कारण कटाव का खतरा बढ़ता जा रहा है.
कटाव का बढ़ रहा खतरा : इन दिनों लगातार गंगा का जल स्तर घट रहा है. सोमवार को 24 घंटे में 120 सेमी गंगा का पानी घटा. इससे तटवर्ती इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली. वहीं, पानी घटने से कई जगहों पर करार ढहने का खतरा बढ़ गया है. कटान रोकने की व्यवस्था तत्काल नहीं हुई, तो स्थिति गंभीर हो सकती है. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे बह रही है. गंगा का पानी कम होने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस जरूर ली है. किसानों को उम्मीद जगी है अब उनकी फसल बरबाद नहीं होगी.
जल स्तर में उतार-चढ़ाव
15 अगस्त 55.530
16 अगस्त 55.590
17 अगस्त 55.650
18 अगस्त 55.710
19 अगस्त 55.800
20 अगस्त 55.750
21 अगस्त 55.630
फिलहाल गंगा का जल स्तर घट रहा
बाढ़ के संभावित खतरे पर फिलवक्त विराम लग गया है. गंगा का जल स्तर लगातार घट रहा है. रविवार की शाम से ही जल स्तर में गिरावट शुरू हुई है. जल्द ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भी राहत मिलने की उम्मीद है.
कन्हैया कुमार, कनीय अभियंता, केंद्रीय जल आयोग बक्सर

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