विनोद सिंह @ चौसा
प्रखंड के राजपुर थाना क्षेत्र के सोनपा गांव में घर के बाहर एक कुएं में लगी बोरिंग में आयी तकनीकी खराबी को ठीक करने कुएं में उतरे एक युवक को बचाने के दरमियान एक-एक कर तीन लोगों की मौत कुएं में डुबने से हो गयी. एक साथ तीन लोगों की मौत से पुरा गांव में कोहराम मच गया और एक साथ तीन-तीन परिवारों में मातम फैल गया.
जानकारी के अनुसार, सोनपा गांव के ईश्वर कुशवाहा रविवार की सुबह करीब आठ बजे अपने घर के बाहर स्थित एक कुएं में लगी अपनी बोरिंग को चालू करने अपने पिता के साथ गया .बोरिंग को चालू करने लगा, तो उसमें कुछ खराबी के चलते चालू नहीं हुआ, तो वो कुएं में नीचे उतरा और कुएं में लगी बोरिंग की मशीन का सेक्शन खोल दिया. सेक्शन खुलते ही पाईप से जहरीली गैस निकल कर कुएं में फैल गयी, जिससे वह पानी में गिर पड़ा. ईश्वर को पानी में गिरते देख उसका पिता कमेश्वर सिंह कुशवाहा (50) उसे बचाने के लिए कुएं में उतर गया. बेटे को रस्सी में बांध कर खुद कुंएं के पानी में बेहोश हो गिर गया. आवाज सुन कर गांव के ही भरत राम (45), जंगबहादुर सिंह (50), मोहन राम, जयप्रकाश राम बोरिंग पर आये और रस्सी खींच कर ईश्वर को सुरक्षित बाहर निकाल कर कभेश्वर को बचाने के लिए बारी-बारी कुएं में घुस गये. इसी दरमियान जंगबहादुर और भरत बेहोश हो पानी में गिर गये. स्थिति को समझ किसी तरह मोहन और जयप्रकाश कुएं से बाहर निकल गये. चूंकि कुएं में जहरीली गैस के फैलने से दोनों की हालत भी खराब हो गयी थी. घटना की खबर क्षेत्र में जंगल की आग तरह फैल गयी. देखते-देखते हजारों ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गयी. प्रशासन को घटना की सूचना देने के बाद ग्रामीणों के द्वारा तीनों को कुएं से बाहर निकालने का घंटों प्रयास किया गया. घटना की सूचना के करीब दो घंटे बाद राजपुर थाने की पुलिस, चौसा बीडीओ अरविंद कुमार सिंह, सीओ जितेंद्र कुमार सिंह घटनास्थल पर पंहुचे. घटना की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी. उसके बाद एसडीएम गौतम कुमार, डीएसपी शैशव कुमार मौके पर पंहुचे. मेडिकल टीम व स्थानीय गोताखोर भी पंहुचे. चूंकि बोरिंग के चारो तरफ सात फीट दीवार थी, जिससे पानी में आॅक्सीजन नहीं पंहुच रहा था .मेडिकल टीम व स्थानीय लोगों के द्वारा दीवार को तोड़ा गया. इसके बाद कुएं में आॅक्सीजन सिलिंडर से आॅक्सीजन डाला जाने लगा. परंतु, कोई भी दक्ष गोताखोर कुएं में जाने की हिम्मत नही जुटा सका. प्रशासन ने एनडीआरएफ को सूचना दी. बताया गया कि एनडीआरएफ को आने में कम-से-कम दो घंटे लग जायेंगे. इधर, एक साथ तीन लोगों की मौत से घटनास्थल के पास तीनों परिवारों के लोगों की चीत्कार से माहौल पूरी तरह से गमगीन बना हुआ था. लोग एनडीआरएफ के आने का इंतज़ार कर रहे थे. पांच घंटे बीत जाने के बाद बनारपुर गांव का एक युवक लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता आया और कहा कि हम तीनों को बाहर निकाल देंगे. उसके बाद वह कुएं में घुस कर बारी-बारी से तीनों शवों को बाहर निकाला. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया. एसडीएम गौतम कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख मुआवजा दिया जायेगा.
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