पति ने ही कराया था बहनोई से पत्नी का बलात्कार, कोर्ट ने ठहराया दोषी
बक्सर : पत्नी से बलात्कार कराने के मामले में पति और उसके बहनोई को कोर्ट ने दोषी पाया है. दोषी पाये जाने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सजा के बिंदु पर शनिवार को फैसला सुनाया जायेगा. यह अपने आप में अनोखा मामला है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-6 उदय कुमार उपाध्याय […]
बक्सर : पत्नी से बलात्कार कराने के मामले में पति और उसके बहनोई को कोर्ट ने दोषी पाया है. दोषी पाये जाने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सजा के बिंदु पर शनिवार को फैसला सुनाया जायेगा. यह अपने आप में अनोखा मामला है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-6 उदय कुमार उपाध्याय की अदालत ने सभी गवाहों की गवाही और दलील सुनने के बाद पाया कि पति ने ही पत्नी का बलात्कार बहनोई से कराया था. दोषी पाये जाने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया, जिस पर कल शनिवार को सजा सुनायी जायेगी. मामला डुमरांव थाना कांड संख्या 98/2004 से जुड़ा हुआ है, जहां भोजपुर जिले के शाहपुर थाना के शिवपुर गांव के रहनेवाले विमलेश पांडेय ने अपने बहनोई सोनपा गांव निवासी श्रीभगवान राय से अपनी पत्नी का बलात्कार करवाया था. इसे लेकर महिला ने पति और उनके बहनोई पर बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया था.
आठ जुलाई, 2004 की रात हुई थी घटना
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आठ जुलाई, 2004 की रात पीड़ित महिला अपने घर में डुमरांव स्थित हरिजी के हाता में सोयी हुई थी. इसी दौरान उसका पति अपने बहनोई के साथ आया और उसका हाथ-पैर पकड़ लिया. इसके बाद बहनोई से अपनी पत्नी का रेप करवाया. विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गयी. इसके बाद महिला ने डुमरांव थाने में अपने पति और बहनोई के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार भी किया था. मेडिकल जांच के बाद बलात्कार की पुष्टि हुई थी. दोनों दोषियों के खिलाफ कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था. महिला का मायका भोजपुर जिले के एकवारी गांव में है.
महिला का पति है इंपोटेंट
प्राथमिकी दर्ज कराते हुए महिला ने पुलिस को बताया था कि उसका पति विमलेश पांडेय में पुरुषार्थ नहीं है. इस कारण वह सहवास नहीं कर पाता है. इसको लेकर उसका इलाज भी बनारस में कराया गया. वर्ष 1999 में उसकी शादी हुई थी, लेकिन अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ. वहीं, उसका पति बच्चा पैदा करने के लिए दबाव देता है. इसका उसकी पत्नी द्वारा विरोध किया जाता था. लेकिन, आठ जुलाई की रात दो बजे पति ने जबरन महिला का हाथ-पैर पकड़ लिया तथा बहनोई से उसका बलात्कार कराया. दोनों पक्षों को सुनने एवं साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अनोखे किस्म के इस बलात्कार में पति एवं बहनोई को भारतीय दंड विधान की धारा 376/34 के तहत दोषी पाया. शनिवार को न्यायालय सजा के बिंदु पर फैसला सुनायेगा. उक्त मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक आनंद मोहन उपाध्याय ने बहस में हिस्सा लिया.