एलआईसी में फर्जीवाड़ा लाखों की लगायी चपत

घपला. साले-बहनोई की जोड़ी ने एलआईसी को लगाया 75 लाख का चूना जिंदा महिला को मृत दिखा निकाल लिया गया पैसा 30 पॉलिसियों के साथ किया गया है फर्जीवाड़ा बक्सर : बक्सर में एलआईसी शाखा से करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है. फर्जीवाड़े में एलआईसी का एजेंट और उसका बहनोई प्रधानाध्यापक शामिल है. एजेंट ने फर्जीवाड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2017 2:32 AM

घपला. साले-बहनोई की जोड़ी ने एलआईसी को लगाया 75 लाख का चूना

जिंदा महिला को मृत दिखा निकाल लिया गया पैसा
30 पॉलिसियों के साथ किया गया है फर्जीवाड़ा
बक्सर : बक्सर में एलआईसी शाखा से करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है. फर्जीवाड़े में एलआईसी का एजेंट और उसका बहनोई प्रधानाध्यापक शामिल है. एजेंट ने फर्जीवाड़े के लिए पूरा नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें बहनोई आंगनबाड़ी सेविका और अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ एलआइसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी मिलाकर रखा था. सबसे चौकानेवाली बात यह है कि एक व्यक्ति के नाम पर 2012-14 तथा 2017 में लाखों रुपये की निकासी कर ली गयी.
अधिकारी ऑफिस में बैठे ही जांच कर क्लेम को सेटल कर दिये. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब ब्रांच मैनेजर अजय कुमार ने एजेंट वीरेंद्र साह की पॉलिसी का रिकॉर्ड देखा, तो उन्हें शक हुआ. इसी दौरान उसने जिंदा महिला नन्हकी देवी पॉलिसी संख्या 519485598 को मरा दिखाकर क्लेम सेटल कराने के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र सहित दावा प्रस्तुत किया. ब्रांच मैनेजर ने दिये गये पते पर जब जाकर जांच की तो पता चला कि नन्हकी देवी तो जिंदा है. इस तरह से पूरे 30 लोगों के साथ मरा दिखाकर 75 लाख रुपये की एजेंट द्वारा निकासी कर ली गयी है.
एलआईसी ने एजेंट का कोड किया रद्द, दर्ज कराया मामला
फर्जीवाड़े की जब जांच शुरू हुई, तो एक-एक कर सभी पॉलिसियों का मामला खुलकर सामने आ गया.कई जगहों पर उसने मृतक की पत्नी की जगह एजेंट ने अपनी पत्नी और अपने रिश्तेदारों का नॉमिनी में नाम डालकर पैसे की निकासी कर ली. इसके लिए वह हेडमास्टर से कागजात को सत्यापित कराता था. इसके बाद मृत्यु प्रमाणपत्र आंगनबाड़ी केंद्र से फर्जी बनवा लेता था.अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिलाकर बड़ी ही चालाकी से लाखों रुपये का गबन कर लेता.
फर्जीवाड़े की जांच करने पहुंचे मंडल के अधिकारी : फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही मंडल स्तर से लेकर ब्रांच तक हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मंडल के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे. इसके बाद ब्रांच मैनेजर ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. फिलहाल पुलिस और एलआईसी के अधिकारी इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं. वहीं, एजेंट और उसके पूरे नेटवर्क की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगी हुई है.

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