सज-धज कर घाट तैयार, पहला अर्घ आज

महापर्व. छठव्रतियों ने बुधवार को परंपरागत विधि-विधान से किया खरना, भक्तिमय हुआ माहौल बक्सर/डुमरांव/चौसा. बक्सर के गंगा किनारे छठ घाटों पर लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत पर आज जनसैलाब उमड़ेगा. व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ देंगी. कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी को सूर्य को अर्घ अर्पित किया जायेगा. शुक्रवार को सप्तमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2017 6:34 AM

महापर्व. छठव्रतियों ने बुधवार को परंपरागत विधि-विधान से किया खरना, भक्तिमय हुआ माहौल

बक्सर/डुमरांव/चौसा. बक्सर के गंगा किनारे छठ घाटों पर लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत पर आज जनसैलाब उमड़ेगा. व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ देंगी. कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी को सूर्य को अर्घ अर्पित किया जायेगा. शुक्रवार को सप्तमी तिथि में उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित करने के साथ ही छठ व्रत पूरा होगा. छठ को लेकर घाटों पर विशेष इंतजाम किये गये हैं. सफाई के साथ-साथ घाट रोशनी से जगमगा रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में छठव्रती अपने घर में ही छठपूजा के लिए जलाशय बनाये हैं जहां वे अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे. बुधवार को छठ व्रतियों ने दिन भर उपवास रखा और शाम को खरना का प्रसाद ग्रहण किया.
छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया : कार्तिक शुक्लपक्ष पंचमी तिथि शनिवार को खरना संपन्न हुआ. छठ व्रतियों ने दिनभर उपवास रखा. शाम को मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर खरना का प्रसाद बनाया. खरना के प्रसाद में खीर और रोटी खाई जाती है. छठ व्रतियों ने दूध में अरवा चावल और गुड़ डालकर खीर और गेहूं के आटे की रोटी बनायी. रोटी पर शुद्ध घी लगाकर खीर के साथ सूर्यास्त के बाद छठी मैया को भोग लगाया गया.
इसके बाद व्रतियों ने इसे ग्रहण किया. उनके खरना कर लेने के बाद सभी लोगों ने यह प्रसाद ग्रहण किया. गली-मुहल्लों में जगह-जगह घरों में खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए पड़ोसी, सगे-संबंधी और श्रद्धालु आते रहे. खरना के साथ ही छठव्रतियों का निर्जला व्रत शुरू हो गया.

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