विनीत मिश्रा
डुमरांव: सुबह होते ही प्रेमी का इंतजार और ठीक नौ बजे अपने पिजड़े में बंद प्रेमी के पास आ जाना. ऐसा आपने अभी तक बहुत सी कहावत सुनी होगी, पर यहां हम आपको एक सच्ची प्रेम कथा के बारे में बता रहे है. जिसे सुनकर आप दंग रह जायेंगे. यह दो पक्षियों की बीच की बात है. कहते है ‘छोड़ेगे न हम तेरा साथओ साथी मरते दम तक. उक्त पंक्ति न सिर्फ मनुष्य के आदर्श प्रेम को चरितार्थ करता है. बल्कि दो पक्षियों के प्रेम पर एकदम ही सटीक बैठता है.
बिहार के डुमरांव में अनुमंडल क्षेत्र के आथर गांव के रहने वाले लक्ष्मण मिश्र उर्फ फूलन बाबा के पालतू ‘सुग्गा’ का अगाध प्रेम का क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहता है. विगत 7-8 वर्षों से चल रहे इन दोनों पक्षी की प्रेम की हकीकत को देखने व सुनने के लिए आस-पड़ोस सहित अन्य जगहों के लोग यहां जरूर आ जाते हैं. बताया जाता है कि इनके द्वारा पाला गया मादा (तोता) का प्रेम एक बाहरी नर सुग्गा से विगत सात वर्षों से चलता आ रहा है. जिसको लेकर बाहरी तोता इस पालतू तोता के पास अपने निर्धारित समय से इससे मिलने आता है.
फूलन जी के परिवार के लोग इस पालतू पक्षी के आकर्षक रूप को देखते हुए एवं इसकी मीठी आवाज के बदौलत इसका नाम ‘मोहिनी’ रखा हैं. इसके बारे में फूलन मिश्रा ने बताया कि पटना से इस सुग्गा को खरीद कर आठ वर्ष पहले अपने घर लाये थे. घर के खुले आंगन में रहते-रहते इस ‘सुगनी’ का प्रेम बाहर के किसी सुग्गा से हो गया, बहुत दिनों तक इन दोनों के प्रगाढ़ प्रेम का पता तक नहीं चला. जबकि, हर रोज सुबह में आठ सेनौ बजे के बीच बाहर के घुमक्कड़ सुग्गा अपनी प्रेमिका के लिए कहीं से कोई फल या अनाज लाकर पिजड़ा में देकर चला जाता है. जो आज भी यथावत स्थिति ज्यो कि त्यो बनी हुई है.
इस हालत में इन दोनों की अपार प्रेम की जानकारी नहीं होने के दौरान देखना पड़ा कि अचानक इस बंद पिजड़े के सुग्गा के पास सेव, संतरा व अन्य खाद्य सामग्री पड़ा रहता था. जिसे देखकर परिजनों को काफी मत्थापच्ची करना पड़ता था, बहुत दिनों के बाद इसका खुलासा हुआ कि ये पालतू मादा पक्षी अपना दिल किसी को दे चुकी है, परिवार के लोग अगर बंद पिजड़े की पक्षी को अपने घर के अंदर में बंद कर देते तो बाहरी सुग्गा अपने निर्धारित समय पर पहुंचने वाला उसका प्रेमी अपनी प्रेमिका का पिजड़ा गायब देख जोर-जोर से चिल्लाने लगता. इस हालत को देख जब घर वाले ज्योंही सुग्गी को घर से बाहर निकालते तो बाहरी सुग्गा अपने मुंह में खाद्य सामग्री लेकर उसके पास पहुंचा और सुग्गा शांत हो जाता.
इस संबंध में परिवार की महिला प्रमिला देवी का कहना है कि दोनों के बीच चले आ रहे अगाध प्रेमको देखकर ऐसा लगता है कि पिछले जन्म के ये प्रेमी युगल इस दौर में अपना दायित्व आज भी निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये पाश्विक प्रेम वर्तमान समय में आम लोगों के लिए प्रेरणा कास्त्रोत है और यह संकेत देता है कि मनुष्य को भी एक दूसरे के दुख-सुख में साथ देना चाहिए.