नजराना के फेर में चली गयी मासूम की जान

परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को किया शांत सीएस ने कहा, जांच के बाद होगी कार्रवाई, टीम गठित बक्सर : सदर अस्पताल के कर्मियों द्वारा इलाज में लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गयी. नजराना लेने के चक्कर में समय से एसएनसीयू में नवजात को भर्ती नहीं कराया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2017 2:33 AM

परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को किया शांत

सीएस ने कहा, जांच के बाद होगी कार्रवाई, टीम गठित
बक्सर : सदर अस्पताल के कर्मियों द्वारा इलाज में लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गयी. नजराना लेने के चक्कर में समय से एसएनसीयू में नवजात को भर्ती नहीं कराया गया. मौत होने के बाद बच्चे के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर हंगामा किया. परिजनों के हंगामे को देखते हुए अस्पताल के कर्मी भाग खड़े हुए.
महिला अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंची तो वहां से भी उसे समझा-बुझाकर शांत करा दिया गया. जानकारी के अनुसार रविवार की देर शाम सलमा प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंची थी जहां सोमवार को उसे प्रसव हुआ. लड़का होने के बाद कर्मियों ने नजराने की मांग की. इसी दौरान नवजात की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गयी. बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराना था लेकिन नजराना लेने के चक्कर में कर्मियों का ध्यान बच्चे पर नहीं गया.
परिजनों का आरोप नहीं थे डॉक्टर : सलमा के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नहीं थे. नर्स के सहारे प्रसव हुआ. सुबह प्रसव होने के बाद नवजात की हालत बिगड़ गयी लेकिन कर्मी पैसे की मांग कर रहे थे. इसी दौरान नर्सों ने बीमार बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती नहीं कराया और उसकी मौत हो गयी.जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और हंगामा करना शुरू कर दिये.
टीम गठित कर होगी जांच
इस मामले को सीएस ने गंभीरता से लिया है. मामले की जांच करने को लेकर टीम का गठन किया है. जांच टीम 72 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी. जिसके बाद अगर नजराना मांगने और लापरवाही बरतने का मामला सामने आता है तो उक्त कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. ऐसे मामलों में लापरवाही बरतनेवाले कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा.
कमल कुमार सहाय, सीएस बक्सर

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