सरकारी कार्यालयों में नहीं हैं अग्निशमन यंत्र
बगैर अग्निशमन यंत्र के चल रहे हैं अधिकतर विभाग के कार्यालय बक्सर : जिले के कई सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र नहीं है. इन संस्थानों में गलती से अगर आग लग जाये तो बहुत ज्यादा नुकसान होगा. भवन की सुरक्षा के लिए अग्नि सुरक्षा मापदंडों का पालन भी नहीं किया जा रहा […]
बगैर अग्निशमन यंत्र के चल रहे हैं अधिकतर विभाग के कार्यालय
बक्सर : जिले के कई सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र नहीं है. इन संस्थानों में गलती से अगर आग लग जाये तो बहुत ज्यादा नुकसान होगा. भवन की सुरक्षा के लिए अग्नि सुरक्षा मापदंडों का पालन भी नहीं किया जा रहा है. नियमानुकूल सभी सार्वजनिक संस्थानों एवं बहुमंजिला निजी भवनों में भी अग्निशमन यंत्र का होना जरूरी है, जिसके लिए कड़े नियम भी बनाये गये हैं.
अग्नि सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय चल रहे हैं. इस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. प्रशासन के नाकतले संस्थान के प्रबंधक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. कर्मचारियों को किसी प्रकार की ट्रेनिंग भी नहीं दी जाती है. कई संस्थानों में तो केवल दिखावे के लिए अग्निशमन यंत्र लगाये गये हैं. कई वर्षों से उसका रिफिलिंग भी नहीं कराया गया है. राष्ट्रीय भवन कोड द्वारा फायर एंड लाइफ सेफ्टी के अनुपालन को लेकर अस्पताल एवं नर्सिंग होम के लिए भी गाइड लाइन जारी की गयी है. सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इन भवनों में अग्निशमन पदाधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए.
प्रत्येक तल पर अग्निशमन यंत्र एवं हॉज बॉक्स की करनी है व्यवस्था : ऊंची इमारतों में मौजूद सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में फायर सेफ्टी के तहत सभी तल पर फायर एक्सटिंग्शर तथा हॉज बॉक्स की व्यवस्था करनी है ताकि आग लगने की स्थिति में अविलंब इन उपकरणों से उस पर काबू पाया जा सके और लोगों के जीवन तथा भवन को बचाया जा सके.
इन भवनों में फायर कंट्रोल रूम का भी निर्माण किये जाने का नियम है ताकि वहां से फायर सेफ्टी के लिए सुविधाजनक तरीके से आग पर काबू पाया जा सके.
फायर अलार्म लगाना है जरूरी : नियमानुसार अस्पताल, सरकारी भवन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा बहुमंजिली निजी भवनों में भी फायर सिस्टम लगाना जरूरी है. आग लगने की स्थिति में फायर अलार्म के माध्यम से लोगों को तेजी से जानकारी दी जा सके और उस पर अविलंब कार्रवाई की जा सके. फायर सेफ्टी को लेकर प्रत्येक माह स्वमूल्यांकन कराने का भी नियम है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है.
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने हैं
सभी भवनों में अग्निशमन यंत्र लगाने का निर्देश दिया गया है. 12 अगस्त, 2017 के जारी निर्देश के अनुसार सभी व्यावसायिक, शैक्षणिक एवं सरकारी भवनों में फायर सेफ्टी का अनुपालन करना है. कुछ संस्थानों को चेतावनी भी दी गयी है. 15 दिनों के अंदर व्यवस्था नहीं होती है तो वैसे संस्थानों पर कार्रवाई की जायेगी.
पूर्णमासी राम, अग्निशमन अधिकारी