आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया

सीताराम विवाह महोत्सव. अयोध्या से राम की निकली बरात जनकपुर पहुंची बक्सर : सीताराम विवाह महोत्सव के सातवें दिन बक्सर में त्रेता युग का अलौकिक दृश्य देखने को मिली. अयोध्या से बरात मिथिला के लिए निकली तो देखने के लिए सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा. महिलाएं ‘आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारों दुल्हा में बड़का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2017 6:13 AM

सीताराम विवाह महोत्सव. अयोध्या से राम की निकली बरात जनकपुर पहुंची

बक्सर : सीताराम विवाह महोत्सव के सातवें दिन बक्सर में त्रेता युग का अलौकिक दृश्य देखने को मिली. अयोध्या से बरात मिथिला के लिए निकली तो देखने के लिए सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा. महिलाएं ‘आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारों दुल्हा में बड़का कमाल सखिया’ गीत गा रही थीं. बरात में संत-महात्मा तथा हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
शहर का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया था. आश्रम स्थित सड़कें जाम हो चुकी थीं. बरात निकलने के साथ ही जनसैलाब सड़कों पर उमड़ पड़ा. नगर के नयी बाजार स्थित सीताराम विवाह महोत्सव से गाजे-बाजे के साथ भगवान राम की बरात निकली. भगवान राम के रथ पर चारों भाई सवार थे. रथ के पीछे श्रीमन नारायण जी महाराज की तस्वीर लगायी गयी थी.
चलो सखी जनक के आंगन, दूल्हा बनल श्रीराम : राम को दुल्हा बन देख महिलाओं ने गीत गाना शुरू कर दिया. राम के स्वागत में कई धार्मिक गीत प्रस्तुत की गयीं.
इस दौरान सभी नर-नारी राम विवाह के गीत गा रही थीं. इससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था. आगे-आगे राम का रथ तो पीछे बराती जा रहे थे. चारों भाई रथ पर सवार थे. स्वागत में पूरा शहर उमड़ पड़ा था.
बरात के स्वागत के लिए रंगोली से सजे सभी द्वार
हर दरवाजे के आगे बरात के स्वागत में आकर्षक रंगोली बनायी गयी थी. रंगोली में कलश के साथ दीप जलाये गये थे. हर पांच कदम पर महिलाएं आरती की थाल लिए खड़ी थीं. भगवान राम सहित चारों भाइयों की आरती के बाद बरात आगे की ओर रवाना हो रही थी. बरात का जगह-जगह स्वागत किया गया. पूरे नगर में बरातियों के लिए लोगों द्वारा जलपान तथा पानी की व्यवस्था की गयी थी.
पुष्प की हुई वर्षा, चहुंओर गूंजे जय श्रीराम के नारे : श्रीराम की शोभायात्रा का नयी बाजार के साथ ही पूरे शहर में छतों से महिलाएं पुष्प वर्षा कर स्वागत की. नगर की छतों पर खड़ी श्रद्धालु महिलाएं बरात पर पुष्प वर्षा कर रही थी. नगर के हर घर के सामने रंगोलियों से सजा हुआ था. बरातियों की मस्ती और भक्ति धुनों व बैंड-बाजे पर लोग जम कर थिरक रहे थे. ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे साक्षात भगवान राम की बरात गुजर रही हो.
बैंड-बाजे की धुन पर थिरक रहे थे संत समाज
बरात के आगे बैंड-बाजा और नर्तक चल रहे थे. बैंड की धुन पर श्रद्धालु पुरुष और महिलाएं थिरक रही थीं. इनके साथ ही संत समाज भी बैंड-बाजे एवं डीजे की धुन पर थिरक रहे थे. हजारों युवा, बुजुर्ग, महिला एवं पुरुष भगवान की भक्ति में लीन होकर बरात के दौरान झूमते नजर आये.
सबसे आगे चूहे पर सवार हो भगवान गणेश चल रहे थे : बरात में सबसे आगे भगवान गणेश चूहे पर सवार होकर चल रहे थे. उनके पीछे बसहा बैल पर सवार भगवान शंकर और पार्वती का रथ चल रहा था. बरात में भगवान शंकर की जटा से पानी की धार निकलना लोगों के बीच आकर्षक का केंद्र बना हुआ था.

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