बच्चे 120, सेब महज तीन किलो, कैसी हुई पूर्ति ?

मनमानी. हाल प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार का डुमरांव : प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार में बच्चों को अंडा एवं फल नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को 120 बच्चों के बीच फल के नाम पर तीन किलो सेब बांटा गया. विद्यालय प्रबंधन के इस गणित को समझ पाना मुश्किल है कि बच्चों के बीच कैसे सेब का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2017 3:53 AM

मनमानी. हाल प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार का

डुमरांव : प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार में बच्चों को अंडा एवं फल नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को 120 बच्चों के बीच फल के नाम पर तीन किलो सेब बांटा गया. विद्यालय प्रबंधन के इस गणित को समझ पाना मुश्किल है कि बच्चों के बीच कैसे सेब का वितरण किये होंगे. इस बाबत एचएम अंजनी कुमार से पूछे जाने पर बताया कि अंडा या फल वितरण करने के लिए अभी तक राशि नहीं मिली है. विद्यालय शिक्षा समिति सचिव का भी चयन नहीं हुआ है, जिसके चलते खाते में राशि आने के बावजूद निकासी नहीं हो पायेगी. दूसरी तरफ सीआरसीसी कमलेश सिंह ने बताया कि स्कूल के खाते में राशि भेजी जा चुकी है. 120 बच्चों में तीन किलो सेब का वितरण जांच का विषय है.
विद्यालय शिक्षा समिति अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद अरविंद शर्मा ने बताया कि शिक्षा समिति सचिव के चयन को लेकर एचएम से दो-तीन बार बात हुई. इस पर सीआरसीसी से बात हुई. उन्होंने एक सप्ताह के अंदर शिक्षा समिति सचिव का चुनाव करने की बात कही, जिससे खाते से राशि निकासी हो सके. अध्यक्ष ने बताया कि राशि की बंदरबांट नहीं होगी. बच्चों के बीच राशि खर्च की जायेगी. वहीं शुक्रवार की दोपहर एक बजे तक एमडीएम रसोई में पक रहा था. बच्चे विद्यालय परिसर में खेल रहे थे. विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 205 है. जबकि उपस्थिति 120 की थी. विद्यालय प्रबंधन की अंकगणित समझ पाना मुश्किल सा लगता है. 120 बच्चों के बीच तीन किलो सेब का वितरण कैसे होगा.
प्रति बच्चे पांच रुपये निर्धारित : बच्चों में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सप्ताह में एक दिन उन्हें उबला अंडा दिया जाना है. जो बच्चे अंडा नहीं खायेंगे उन्हें उसी राशि के आधार पर मौसमी फल दिया जायेगा. राज्य सरकार ने अंडा और मौसमी फल के लिए प्रति बच्चे पांच रुपये निर्धारित किये हैं.
गाइड लाइन में अंडे की जांच जरूरी : शुक्रवार को मिड डे मील के साथ एक उबला अंडा दिया जाना है. अंडे की जांच करनी है. जो अंडा पानी में डालने पर ऊपर की ओर जायेगा उसे बच्चों को नहीं देना है. अंडे को उबालने के बाद अगर कोई अंडे का छिलका कड़ा होगा, तो वह अंडा नकली है.
जांच कर होगी कार्रवाई
एमडीएम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यह मामला गंभीर है. इसकी जांच की जायेगी और जो भी इसमें दोषी पाये जायेंगे उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी.
ब्रिज बहारी सिंह, मध्याह्न भोजन पदाधिकारी

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