हैलो सर! ड्रग इंस्पेक्टर मैनेज हैं, आप भी हो जाएं

बक्सर : हैलो सर! ड्रग इंस्पेक्टर मैनेज हो गये हैं, आप भी हो जाएं. पिछले 24 घंटे से इस तरह के कॉल ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (प्रबंध निदेशक) मुस्तफा हुसैन के पास आ रहे हैं. हुसैन ने बताया कि इस तरह के कॉल बक्सर, पटना सहित दूसरे स्थानों से किये जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2018 4:31 AM

बक्सर : हैलो सर! ड्रग इंस्पेक्टर मैनेज हो गये हैं, आप भी हो जाएं. पिछले 24 घंटे से इस तरह के कॉल ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (प्रबंध निदेशक) मुस्तफा हुसैन के पास आ रहे हैं. हुसैन ने बताया कि इस तरह के कॉल बक्सर, पटना सहित दूसरे स्थानों से किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी बक्सर के एसपी व डीएम को हमारे द्वारा दी जा चुकी है. शुक्रवार को औषधि विभाग के प्रधान सचिव को पूरे मामले की जानकारी लिखित तौर पर दी जायेगी. मैनेज को लेकर दवाब बनानेवाले लोगों ने एमडी से कहा है कि नकली दवाओं के आरोप में जिनकी गिरफ्तारियां हुई हैं,

उन्हें आप ही छुड़ा सकते हैं. ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट को मैनेज करने का दावा करनेवाले ड्रग माफियाओं के साथ कई सफेदपोशों के कॉल भी एमडी के पास आये हैं. बक्सर के पुलिस अधीक्षक मो.अब्दुल्लाह ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. इस गोरखधंधे में औषधि निरीक्षक की भूमिका संदेहास्पद है. उन्होंने बताया कि दवा से संबंधित जांच रिपोर्ट की एक सत्यापित कॉपी औषधि विभाग के प्रधान सचिव व बक्सर के जिलाधिकारी को दी जा रही है.

हेपेटाइटिस बी व लिवर कैंसर की दवा में मिला पानी : हेपेटाइटिस बी व लिवर कैंसर की महंगी दवाओं में पानी की 100 फीसदी मात्रा पायी गयी है. पानी को गाढ़ा करने के लिए इसमें सोडियम क्लोराइड की मात्रा मिलायी जाती थी. ऐसा करने से पानी का रंग बदल जाता है एवं उसमें गाढ़ापन आ जाता है. हेपेटाइटिस बी व लिवर कैंसर के एक एंपुल की कीमत चार सौ रुपये है. इंसानियत के नाम पर खिलवाड़ करनेवालों का मन इतने पर भी नहीं भरा था. नकली दवा तैयार कर उसे बेचनेवालों ने बेटाडीन ऑइनमेंट के काउंटर किट को बेचना शुरू कर दिया था. कोई भी दवा कंपनी अपने दवाओं की काउंटर किट तैयार करती है,
जो दवा का एक मात्र नमूना होता है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में दवाओं का डमी भी कह सकते हैं. इसके प्रयोग से शरीर में कई तरह के नकारात्मक असर पड़ते हैं. मरीज ठीक होने के बजाये और बीमार होने लगता है.
यहां बता दें कि बुधवार को बक्सर पुलिस के सहयोग से ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की टीम द्वारा शहर की तीन दवा की बड़ी दुकानों में छापेमारी कर लिवर शिरोसिस के इलाज में काम आनेवाली नकली दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी गयी थी. यह छापेमारी शहर के देवी फॉर्मा, चंदन फॉर्मा व केसरी मेडिसिन में एक साथ की गयी थी. मौके से दुकान के तीन प्रोपराइटर सहित छह को गिरफ्तार किया गया था.

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