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1261 किसानों को मिलेगी 750 दिनों की मजदूरी

आने वाले दिनों में अब आरएंडआर के तहत चौसा का विकास होगा. इसके लिए एसजेवीएन करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2024 10:01 PM

बक्सर, आने वाले दिनों में अब आरएंडआर के तहत चौसा का विकास होगा. इसके लिए एसजेवीएन करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है. जिसे लेकर चौसा के लोगों में खुशी व्याप्त है. सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने आरजी रिहैबिटेशन ग्रांड) व आरएंडआर (पुर्नवास और पुर्नस्थापना) के लिए जिला प्रशासन के खाते में 80 करोड़ रुपये डाल दिया है. इससे जिला प्रशासन 1261 किसानों को 750 दिनों की मजदूरी देगा। शेष बची हुई राशि से चौसा पावर प्लांट के आसपास के गांव में स्कूल, कॉलेज, खेल मैदान के साथ अन्य विकास के कार्य होंगे. इस राशि के हस्तांतरण में एसजेवीएन के सीएमडी सुशील शर्मा व कार्यकारी सीईओ विकास वर्मा की अहम भूमिका रही है. बता दें कि चौसा में लगभग दस हजार करोड़ से अधिक की लागत से एसजेवीएन पावर प्लांट के दो यूनिट का निर्माण करा रहा है। वहीं तीसरे यूनिट के लिए भी केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार पुर्नवास और पुर्नस्थापना विधेयक-2007 पारित हुआ था. इसके अंतर्गत यदि किसी कंपनी में रैयत किसानों को जमीन जाती है और उसके परिवार का कोई भी सदस्य संबंधित कंपनी में नौकरी नहीं करता है. तब इस परिस्थिति में कंपनी रैयत किसानों को 750 दिनों की मजदूरी का भुगतान करेगी। लगभग एक किसान को साढ़े तीन लाख रुपये से चार लाख तक की राशि मिलेगी. चौसा पावर प्लांट ने इसी अधिनियम के तहत चौसा व उसके आसपास के गांवों के 1261 रैयत किसानों को चिन्हित किया है. जिनका मुख्य प्लांट के निर्माण में जमीन अधिग्रहण की गई है. आरएनआर के लाभ को लेकर कई बार किसान, जिला प्रशासन व एसजेवीएन के अफसरों की बैठक हुई थी. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 14 अगस्त को करीब 80 करोड़ की राशि कंपनी ने जिला प्रशासन को स्थानांतरित कर दी है. अब जिला प्रशासन चिन्हित किसानों को 750 दिनों की मजदूरी का भुगतान करेंगी.

आधारभूत संरचना को होगा विकास

मिली जानकारी के अनुसार 1261 रैयत किसानों को 750 दिनों की मजदूरी देने के बाद जो शेष राशि बचेगी. उस राशि से चौसा व आसपास के इलाके के गांव में अस्पताल, स्कूल व खेल मैदान आदि विकसित किया जाएगा. इसके पीछे यह मंशा रहती है कि जिन किसानों को विस्थापित होना पड़ा है. उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान किया जाए. ताकि उनके परिवार को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, साथ ही उनका विकास हो.

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