बक्सर/ब्रह्मपुर : रविवार की शाम नैनीजोर पंचायत के लीला डेरा गांव में हुई अग्निकांड में एक बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हो गयी, जहां उसका इलाज के दौरान मौत हो गयी. वहीं इस घटना में लगभग आधा दर्जन लोग झुलस गये, जिसका इलाज कर डॉक्टरों ने घर भेज दिया. साथ ही 24 मवेशी जलकर मर गये. घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. इस घटना के बाद लोग सतर्कता बरत रहे हैं.
बच्ची लीला डेरा गांव की रहने वाली श्रीभगवान यादव की पुत्री छोटी कुमारी बतायी जाती है. बताया जाता है कि रविवार की दोपहर भुवर यादव के घर से अचानक चिनगारी निकली. चिनगारी ने देखते ही देखते पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. जब तक लोगों को कुछ समझ आता, तब तक करीब सवा सौ घरों को अपने कब्जे में ले लिया.
आग इतना भयंकर थी कि आग पर काबू पाने के लिए फायरब्रिगेड की पांच गाड़ियों को लगाने पड़ी. वहीं अगलगी की घटना में श्रीभगवान की बेटी छोटी कुमारी अपने घर में सोयी थी, जिसमें वह बुरी तरह से झुलस गयी. वही इस घटना में करीब आधा दर्जन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गये. किसी तरह से लोगों ने उसे इलाज के लिए ब्रह्मपुर पीएसची में भर्ती कराया.
जहां डॉक्टरों ने बच्ची को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया. वहीं सदर अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. साथ ही सभी को रहने और खाने की व्यवस्था करने के लिए सीओ को आदेश दिया.
पूरी रात सीओ और थानाध्यक्ष करते रहे कैंप
अगलगी की घटना के बाद घटनास्थल पर ब्रह्मपुर सीओ विकास कुमार और नैनीजोर थाना प्रभारी अनिल कुमार रविवार की रात कैंप करते रहे. वहीं सोमवार की सुबह जिले के वरीय अधिकारी पीड़ितों को रहने के लिए प्राथमिक विद्यालय लीला डेरा में रहने की व्यवस्था करायी.
साथ ही सभी के खाने की व्यवस्था करायी. वहीं एडीएम, डुमरावं एसडीओ हरेंद्र राम, सीओ विकास कुमार और बीडीओ सत्येंद्र कुमार पूरे दिन कैंप करते रहे. साथ ही पीड़ितों को हर संभव मदद दिलाने में लगे रहे.
ब्रह्मपुर विधायक शंभूनाथ यादव भी पूरी रात पीड़ितों की मदद में जुटे रहे. साथ ही उनके कार्यकर्ता भी सोमवार को लोगों को राहत सामग्री पहुंचाते रहे. जिला प्रशासन पीड़ितों को खाने और पीने समेत जरूरत की सारी सामग्री उपलब्ध करा रही है. जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से लोगों को काफी उत्साह दिख रहा है.
मवेशियों को नहीं हुआ इलाज: अगलगी की घटना में जख्मी मवेशियों का इलाज अभी तक डॉक्टरों के द्वारा नहीं किया गया है, जिसे लेकर पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है.
पीड़ितों ने बताया कि घटना के 24 घंटे के बाद भी जख्मी मवेशियों का इलाज डॉक्टरों के द्वारा नहीं किया गया, जबकि डॉक्टरों को इसकी सूचना दे दी गयी है. अगर मवेशियों का इलाज नहीं किया गया तो वे भी मर जायेंगे. अगर एक भी मवेशी मरते हैं तो आंदोलन किया जायेगा. वहीं मुखिया धर्मेंद्र तिवारी ने मृत पड़े मवेशियों को जेसीबी के द्वारा हटवाया. साथ ही लोगों को आश्वासन देते रहे.
अगलगी में जल गये कई घरों के अरमान, दो दर्जन मवेशियों की मौत
भीषण अग्निकांड में कई घरों के अरमान जल कर राख हो गये. इस घटना में किसी की बेटी की शादी और किसी के बहू के अरमान जल गये. इस घटना से कई घरों को भारी नुकसान हुआ है.
बताया जाता है कि मुन्ना यादव की पुत्री की शादी होने वाली थी. एक मई को तिलक था. जिसे लेकर मुन्ना यादव अपने घर में सामान खरीदकर रखा था. जो इस कांड में जलकर राख हो गया. वहीं अर्जुन यादव के बेटे की शादी दो दिन पहले ही हुई थी.
घर में नई बहू आयी थी व अपने साथ कई सामान भी लेकर आयी थी. इस घटना में उसका भी पूरा अरमान जलकर राख हो गया. अगलगी की घटना के बाद लोगों को रहने के लिए आशियाना नहीं था. लेकिन डीएम राघवेंद्र सिंह के निर्देश के बाद सीओ विकास कुमार ने प्राथमिक विद्यालय लीला डेरा में रखा गया. जब लोग विद्यालय में भर गये तो खाली जगह में लोगों को रहने के लिए टेंट लगाया गया.
पीड़ित किसी तरह से दिन और रात काट रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन सभी तरह की मदद कराने में जुटी हुई है. रविवार को अगलगी की घटना में करीब दो से तीन करोड़ की संपत्ति जलकर राख हुई है, जिसमें करीब सवा से कच्चे और पक्के मकान जलकर राख हो गये हैं. वहीं घटना में करीब दो दर्जन मवेशी मारे गये हैं. साथ ही कई मवेशी जख्मी है. इस घटना के बाद जिला प्रशासन संपत्ति की आंकलन करने में जुट गयी है.