11 वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुई हाइस्कूल में प्लस टू पढ़ाई

बछवाड़ा : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न हाइस्कूलों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं शुरू होने से इलाके के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को पढ़ाई छोड़ कर घर बैठना पड़ रहा है. बछवाड़ा प्रखंड में पांच हाइ स्कूल है, जिसमें हाइ स्कूल, नारेपुर तथा हाइस्कूल, रानी को वर्ष 2008 में प्लस टू का दर्जा मिला. 11 साल बीत जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2019 6:25 AM

बछवाड़ा : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न हाइस्कूलों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं शुरू होने से इलाके के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को पढ़ाई छोड़ कर घर बैठना पड़ रहा है. बछवाड़ा प्रखंड में पांच हाइ स्कूल है, जिसमें हाइ स्कूल, नारेपुर तथा हाइस्कूल, रानी को वर्ष 2008 में प्लस टू का दर्जा मिला.

11 साल बीत जाने के बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. प्लस टू का दर्जा मिलने के बाद इलाके के लोगों में पढ़ाई के लिए दूर जाने से निजात की आस जगी थी. विभाग द्वारा लाखों रुपये के प्रायोगिक सामान भी स्कूल को उपलब्ध करा दिये गये लेकिन शिक्षक उपलब्ध नहीं कराने के कारण पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी. इस कारण सभी सामान बेकार पड़े हैं.
इन स्कूलों से प्रत्येक साल लगभग दो हजार से अधिक छात्र-छात्राएं मैट्रिक परीक्षा पास करते हैं. प्रखंड क्षेत्र में एक भी स्कूल में प्लस टू पढ़ाई के स्कूल कॉलेज की कोई व्यवस्था नहीं है. इलाके के छात्र-छात्राओं को 15 किलोमीटर दूर दलसिंहसराय, आरबीएस कॉलेज, तेयाय या बरौनी कॉलेज का चक्कर कटना पड़ता है.
आस-पास कॉलेज नहीं रहने के कारण इलाके के कई छात्र -छात्राएं पढ़ाई छोड़ कर घर बैठ जाते हैं. हाइ स्कूल, नारेपुर के प्रधानाध्यापक राम नरेश चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2014 में साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स के लिए 120 छात्रों के नामांकन करने का आदेश दिया गया था.
आदेश के बाद कुछ छात्र नामांकन भी कराये लेकिन विभाग के द्वारा स्कूल में शिक्षक नहीं भेजने के कारण वर्ग का संचालन नहीं हो सका. इस कारण विद्यालय के छात्र-छात्राएं अन्यत्र जगह नामांकन कराने को विवश हो गये. वर्ष 2016 में शिक्षा विभाग के द्वारा एक कंप्यूटर शिक्षक दिया गया लेकिन स्कूल में एक भी कंप्यूटर सही नहीं रहने के कारण सैद्धांतिक पढ़ाई की जाती है लेकिन छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक पढ़ाई से वंचित रहना पड़ता है.
वर्ष 2018 में करीब 150 छात्र- छात्राएं का नामांकन हुआ है लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण पढ़ाई पूरी तरह से ठप है. छात्र नेता सह पंसस सदस्य सिकंदर कुमार, श्याम प्रसाद दास, राजकुमार चौधरी, विजय शंकर दास, उमेश कुंवर कवि समेत अन्य अभिभावकों ने बताया कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से आवेदन देकर प्लस टू की पढ़ाई के लिए कई बार मांग की गयी लेकिन फिर भी पढ़ाई शुरू नहीं की जा सकी.

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