आखिर कब सुधरेगी अस्पताल की व्यवस्था, तीन माह में 12 बच्चों की हो चुकी है मौत

डुमरांव : हमेशा चर्चाओं में रहने वाला अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था आखिर कब सुधरेगी. अभी तक तीन माह में 12 नवजात की मौत हो चुकी है. लेकिन हर बार मामला अस्पताल तक ही सिमट कर रह जाता है. किसी भी मामले में कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई. यदि दोषी लोगों पर कार्रवाई हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2019 8:04 AM

डुमरांव : हमेशा चर्चाओं में रहने वाला अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था आखिर कब सुधरेगी. अभी तक तीन माह में 12 नवजात की मौत हो चुकी है. लेकिन हर बार मामला अस्पताल तक ही सिमट कर रह जाता है. किसी भी मामले में कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई.

यदि दोषी लोगों पर कार्रवाई हुई होती तो बार-बार इस तरह की घटनाएं नहीं होती. गत दिनों हुए एक नवजात की मौत के मामले में डॉक्टर व एएनएम महिला के बीच नोंकझोक नहीं होती तो यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाता. अस्पताल की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्थानीय संगठन ने डुमरांव से बक्सर जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च के साथ डीएम राघवेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा तो आश्वासन मिला.
नवजात की मौत के मामले में केवल डाक्टर को सख्त निर्देश व डीएस को बदला गया. लेकिन नहीं बदला तो अस्पताल की व्यवस्था. कई बार डाक्टरों को बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने की बात कहीं जाती है. इसके माध्यम से ही वेतन बनेगा. लेकिन इसका पालन कितना होता है, यह भी सवाल है. सुधारात्मक पहल को लेकर प्रतिदिन डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के तीनों शिफ्टों में आने-जाने वाले का फोटोग्राफ सीएस को भेजना है.
लेकिन लगातार अस्पताल में कोई न कोई घटनाएं होती रहती हैं, इसके बावजूद कोई सुधार नहीं दिखता है. ढकाइच निवासी चिंता देवी, पायल देवी, कोपवां निवासी मुन्नी देवी, कौशल्या देवी ने बताया कि अस्पताल पहुंचने पर गर्भवती महिला को सीधे अस्पताल के बरामदे में घुमने के लिए कह दिया जाता है. डिलिवरी कराने में महिला एएनएम व जीएनएम गर्भवती महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती है. अधिकतर रेफर कराने के चक्कर में रहती हैं. 23 मई की घटना की तरह कई बार इस तरह की घटना पूर्व में भी हो चुका है, लेकिन डॉक्टर व एएनएम में नोकझोंक नहीं होता तो नवजात की मौत के मामले में भी कार्रवाई नहीं होती.
स्वयंशक्ति संगठन के संयोजक सुमित कुमार, धीरज मिश्र, राजेश मिश्र, प्रशांत राय ने कहा कि अस्पताल में व्यवस्था सुधार को लेकर लगातार आंदोलन जारी रहेगा.23 मई को देर रात कोपवां निवासी महेंद्र सिंह की पत्नी मुन्नी देवी ने नवजात बच्चे को जन्म दिया. लेकिन जीएनएम की लापरवाही से एक घंटे बाद नवजात की मौत हो गयी. घटना के वक्त एएनएम निर्मला कुमारी डॉक्टर कक्ष में उपस्थित डॉ विनीष कुमार के यहां पहुंची.
लेकिन पर्ची पर रेफर करने को लेकर भड़क गयी. बार-बार डॉक्टर द्वारा कक्ष से बाहर जाने की बात कहने के बाद भी नोकझोंक करने के साथ धमकाया. एएनएम ने अपने परिजनों को बुलाकर डॉक्टर कक्ष में तोड़-फोड़ करने के साथ डॉक्टर की पिटाई की. इस मामले में सीएस डॉ उषा किरण वर्मा ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

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