90 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य तय

बक्सर : बक्सर जिले में 90 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित है, जबकि धान का बिचड़ा डालने के लिए कृषि विभाग ने 110 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है. बता दें कि रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ है मगर अब तक बारिश की स्थिति असंतोषजनक है. कृषि विभाग की मानें तो 2019-20 सत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2019 2:41 AM

बक्सर : बक्सर जिले में 90 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित है, जबकि धान का बिचड़ा डालने के लिए कृषि विभाग ने 110 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है. बता दें कि रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ है मगर अब तक बारिश की स्थिति असंतोषजनक है. कृषि विभाग की मानें तो 2019-20 सत्र में माॅनसून का प्रारंभ सामान्य वर्षापात से बहुत कम है.

इस कारण धान का बिचड़ा डालने में किसानों को बोरिंग का सहारा लेना पड़ रहा है. नहरों में पानी नहीं है, जबकि रोहिणी नक्षत्र से खेतों में धान का बिचड़ा डालने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो आद्रा नक्षत्र तक चलता है.
बक्सर जिले में अभी तक महज 20 प्रतिशत किसान ही रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने में कामयाब हुए हैं, जबकि रोहिणी नक्षत्र का आगमन 25 मई को प्रारंभ हो चुका है और यह नौ जून तक रहेगा. इस बार माॅनसून देरी से आने की संभावना है फिर भी किसानों को उम्मीद है कि आद्रा नक्षत्र में नहरों में पानी आ जायेगा जिससे धान का बिचड़ा डाला जा सकेगा. जिले के किसानों ने बीज डालने की तैयारी शुरू कर दी है. पंपिंग सेट चलाकर धान का बिचड़ा डाला जा रहा है.
धान का बिचड़ा डालने को ले प्रति एकड़ मिलते हैं 500 रुपये: जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने कहा कि अल्पवृष्टि की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को धान का बिचड़ा डालने के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ सिंचाई की दर से अनुदान की राशि प्रदान करती है. वहीं आकस्मिक फसल योजना अंतर्गत खरीफ मौसम में वैकल्पिक फसलों की खेती हेतु शत-प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाता है.
बक्सर जिले में कुल सिंचित भूमि 1 लाख 20 हजार 957.6 हेक्टेयर है
बक्सर जिले में नहरों से कुल 73 हजार 789 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है, जबकि आहर पइन तालाब से सिंचाई का कुल रकबा 0.60 लाख हेक्टेयर में है. वहीं सरकारी नलकूपों की संख्या 344 है जिससे कुल 44 हजार 525 हेक्टेयर की भूमि सिंचित की जाती है. वहीं कुल निजी नलकूपों की संख्या 11 हजार 580 है, जिससे 17 हजार 370 हेक्टेयर में सिंचाई की जाती है.

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